“देशभक्ति और सादगी की प्रतीक शख्सियत को पूर्वांचल विश्वविद्यालय का श्रद्धासुमन”

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“शहीद उमानाथ सिंह की स्मृति में उमड़ा श्रद्धा का सैलाब”

जौनपुर। वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय परिसर स्थित इंजीनियरिंग संस्थान में शनिवार को अमर शहीद उमानाथ सिंह की 31वीं पुण्यतिथि श्रद्धा एवं सम्मान के साथ मनाई गई। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. वंदना सिंह और शहीद के पुत्र एवं पूर्व सांसद डॉ. के. पी. सिंह ने उनकी प्रतिमा पर पुष्प अर्पित कर नमन किया।

कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने कहा कि शहीद उमानाथ सिंह का जीवन राष्ट्रभक्ति, त्याग और संघर्ष की अद्वितीय गाथा है। उनका बलिदान देश और समाज के लिए अमूल्य धरोहर है। उन्होंने कहा, “शहीद उमानाथ सिंह का योगदान हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत है, उनके संघर्ष और आत्मबलिदान को पीढ़ियां सदैव याद रखेंगी।”

पूर्व सांसद डॉ. के. पी. सिंह ने शहीद के जीवन संघर्ष पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि उनका जन्म 13 अगस्त 1938 को जौनपुर के महरूपुर गांव में हुआ था। किशोरावस्था से ही उनमें राष्ट्रप्रेम और नेतृत्व की झलक दिखने लगी थी। वर्ष 1957 में भारतीय जनसंघ से जुड़कर उन्होंने राजनीति में प्रवेश किया और खाद्य आंदोलन (1957), आपातकाल (1975) तथा राम जन्मभूमि आंदोलन (1990) में सक्रिय भूमिका निभाई। कई बार जेल यात्रा करने के बावजूद उनकी ईमानदारी, सादगी और संघर्षशीलता अडिग रही।

कार्यक्रम में प्रो. राजकुमार, प्रो. संतोष कुमार, डॉ. राम नरेश यादव, डॉ. दिव्येंदु मिश्र, श्याम त्रिपाठी, रमेश यादव सहित बड़ी संख्या में शिक्षक, कर्मचारी और छात्र मौजूद रहे। सभी ने पुष्पांजलि अर्पित कर शहीद को नमन किया और उनके आदर्शों को आत्मसात करने का संकल्प लिया।

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