मनीष श्रीवास्तव/पूर्वांचल लाइफ
लखनऊ। बौद्ध विहार शांति उपवन स्मारक समिति में प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोपों ने विवाद का रूप ले लिया है। हाउसकीपिंग सुपरवाइजर सुश्री संगीता श्रीवास्तव पर आरोप है कि वह विगत 13 वर्षों से एक ही स्थान पर तैनात हैं। स्थानांतरण नीति के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद उनका तबादला नहीं किया गया, जिससे मुख्य सचिव द्वारा जारी नियमों की अवहेलना की बात सामने आई है।
इन आरोपों को लेकर हाईकोर्ट के अधिवक्ता श्री विनोद तिवारी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखते हुए इस मामले में हस्तक्षेप की मांग की है। साथ ही, उन्होंने आईजीआरएस (IGRS) पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई है। अधिवक्ता तिवारी ने आरोप लगाया कि सुश्री श्रीवास्तव अक्सर कार्यालय समय में अपने घर चली जाती हैं, जो कि कार्यालय से केवल 200 मीटर की दूरी पर स्थित है। इसके अतिरिक्त, उन्होंने अपने निजी आवागमन के लिए एक कर्मचारी को कार्यालय से सम्बद्ध किया है, जिसे कार्यालय के कामों से छूट दी गई है और समय से पहले छुट्टी दी जाती है।
आरोप यह भी है कि सुश्री श्रीवास्तव अपने अधीनस्थ कर्मचारियों के साथ अनुचित और अपमानजनक व्यवहार करती हैं, जिससे कार्यस्थल पर भय और तनाव का माहौल बना हुआ है। इन गंभीर आरोपों के आधार पर उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग की गई है।
यह मामला शांति उपवन स्मारक के प्रशासनिक कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े करता है। अब यह देखना होगा कि प्रशासन इस शिकायत पर क्या कदम उठाता है।