तहसीलदार कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला
जफराबाद (जौनपुर)।
ताइक्वांडो खिलाड़ी अनुराग यादव हत्याकांड में शुक्रवार की देर शाम तहसीलदार कोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए आरोपियों के अवैध मकान को बेदखली का आदेश जारी कर दिया है। गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के कबीरुद्दीनपुर गांव स्थित बंजर खाते की भूमि पर बने मकान को तत्काल प्रभाव से गिराने और ₹76,950 का जुर्माना लगाने का आदेश जारी किया गया है।
यह आदेश धारा 67A के तहत छह पन्नों के निर्णय के रूप में पारित किया गया, जिसमें साफ तौर पर उल्लेख है कि बंजर भूमि पर बने मकान को सरकारी संपत्ति से अतिक्रमण मुक्त किया जाए।
वर्षभर की जद्दोजहद के बाद आया न्याय का फैसला
पीड़ित पक्ष के अधिवक्ता सत्यबीर सिंह ने बताया कि अनुराग यादव की हत्या के बाद से ही परिजन और ग्रामीण न्याय के लिए संघर्षरत थे। उन्होंने बताया कि लगभग 50 से अधिक तारीखों के बाद यह आदेश पारित हुआ।
तीन महीने पहले जब उन्होंने यह मुकदमा अपने हाथ में लिया, तब मामला ‘मिल्जुला नंबर’ की रिपोर्टों में उलझा हुआ था। लगातार रिपोर्टें आने के बावजूद सुनवाई आगे नहीं बढ़ पा रही थी।
सत्यबीर सिंह ने बताया कि ग्राम प्रधान की ओर से अपर जिलाधिकारी (भू-राजस्व) न्यायालय में वाद दाखिल किया गया, जिसके बाद राजस्व निरीक्षक की ताज़ा रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ कि मकान बंजर खाते की भूमि पर बना है। इस आधार पर तहसीलदार कोर्ट ने मकान को सरकारी भूमि से तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी किया।
क्या था पूरा मामला
30 अक्तूबर 2024 को कबीरुद्दीनपुर गांव में ताइक्वांडो खिलाड़ी अनुराग यादव की नृशंस हत्या कर दी गई थी। दीपावली के दिन घर के बाहर ब्रश कर रहे अनुराग पर पड़ोसी युवक ने तलवार से हमला किया था। हमले में अनुराग का सिर धड़ से अलग हो गया।
मां जब बाहर दौड़ीं तो बेटे का शव देखकर बेहोश हो गईं। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे क्षेत्र को दहला दिया था। पुलिस ने घटना के बाद आरोपी बाप-बेटे – लालता यादव और रमेश यादव – को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।
वारदात के बाद गुस्साए ग्रामीणों ने सड़क जाम कर विरोध प्रदर्शन भी किया था। मामले में लापरवाही बरतने पर लेखपाल जगदीश यादव निलंबित कर दिए गए थे और कानूनगो मुनिलाल यादव के खिलाफ जांच बैठाई गई थी।
विधायक के हस्तक्षेप से हुआ अंतिम संस्कार
हत्या के बाद परिजन शव लेकर धरने पर बैठ गए थे और कार्रवाई की मांग कर रहे थे। करीब तीन घंटे तक डीएम और एसपी के समझाने के बाद भी परिजन नहीं माने। अंततः विधायक जगदीश नारायण राय के आश्वासन पर परिजन शव देने को तैयार हुए। विधायक ने कहा था, “यह बहुत दुखद घटना है, परिवार को हर हाल में न्याय दिलाया जाएगा।”
खेल जगत ने भी जताया शोक
अनुराग यादव ने हाल ही में नोएडा ओपन नेशनल ताइक्वांडो चैम्पियनशिप में सिल्वर मेडल और इंडो-नेपाल इंटरनेशनल प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीता था। महज 16 वर्ष की उम्र में वह जिले का उभरता हुआ खिलाड़ी था।
घर का इकलौता बेटा था अनुराग
अनुराग अपने माता-पिता का इकलौता बेटा और पांच बहनों का भाई था। वह राज कॉलेज इंटर कॉलेज में कक्षा 12वीं का छात्र था। ग्राम प्रधान वीरेन्द्र यादव के अनुसार, हत्या की जड़ में गांव की ग्राम समाज की जमीन का पुराना विवाद था।
40 वर्षों से चल रहे इस विवाद के चलते दो पक्षों में तनाव बना हुआ था। घटना वाले दिन अनुराग उसी जमीन पर उगी घास छील रहा था, तभी आरोपी बाप-बेटे ने हमला कर दिया।
अब उम्मीद न्याय की नई शुरुआत की
लगातार संघर्ष और सालभर की कानूनी प्रक्रिया के बाद आए इस आदेश ने अनुराग के परिवार को न्याय की दिशा में नई उम्मीद दी है। अब बंजर भूमि पर बने अवैध मकान को प्रशासन जल्द ही ध्वस्त करने की तैयारी में जुट गया है।
