“भ्रष्टाचार खत्म कर भारत को विकास की मुख्यधारा में ले जाना ही हमारा लक्ष्य” रामानुज सिंह

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पूर्वांचल लाइफ चेन्नई ब्यूरो
भारतीय जीव-जंतु कल्याण बोर्ड के पूर्व अधिकारी और राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी के संस्थापक श्री रामानुज सिंह ने कहा कि उनका जीवन का उद्देश्य समाज सेवा को राजनीति से जोड़कर देश को भ्रष्टाचार मुक्त और विकासोन्मुख बनाना है।

कोविड-19 से मिली नई राह:
कोविड महामारी के दौर को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उसी समय जरूरतमंदों तक भोजन पहुँचाने और गलियों को सैनिटाइज करने जैसे कार्यों से उन्हें वास्तविक सेवा का अनुभव हुआ। इसके बाद उन्होंने राष्ट्रीय सुरक्षा एवं सेवा ट्रस्ट और राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी की नींव रखी। उनका सपना है कि वे विधानसभा और संसद में पहुँचकर नीति-निर्धारण में सक्रिय भूमिका निभाएँ और जनता को उनके अधिकार दिला सकें।

शिक्षा और सामाजिक बदलाव की पहल:
रामानुज सिंह ने बताया कि उनके ट्रस्ट के अंतर्गत एमिटी यूनिवर्सिटी और क्राइस्ट इंस्टीट्यूट सहित कई विश्वविद्यालयों के विद्यार्थी झुग्गी-झोपड़ियों में जाकर निर्धन बच्चों को नि:शुल्क शिक्षा देते हैं। बदले में उन्हें अनुभव प्रमाण-पत्र भी मिलता है। उनका लक्ष्य है कि आने वाले समय में ऐसे संस्थान स्थापित हों जहाँ हर गरीब बच्चा बिना शुल्क के शिक्षा प्राप्त कर सके।

व्यवस्था की खामियों पर सवाल:
उन्होंने कटु अनुभव साझा करते हुए कहा कि जब तक उन्हें राजनीति का मंच नहीं मिला था, तब तक समाज सेवा का उनका लक्ष्य अक्सर बाधित हो जाता था। भारत को “विश्व गुरु” कहे जाने पर उन्होंने सवाल उठाया और कहा कि गरीबी, अशिक्षा और बेरोजगारी से जूझते देश को पहले इन समस्याओं से निजात दिलानी होगी।

गौ माता और महिलाओं पर फोकस:
रामानुज सिंह ने गायों की दयनीय स्थिति पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिन्हें गौ माता कहकर पूजा जाता है, वही आज चौराहों पर कूड़ा खाते दिखाई देती हैं।
महिला सशक्तीकरण को अपनी पार्टी की रीढ़ बताते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने पार्टी की कमान दलित समाज से आने वाली एक युवा महिला बहन मोनिका को सौंपी है। उनका मानना है कि जहाँ नारी का सम्मान नहीं, वहाँ विकास संभव नहीं।

भ्रष्टाचार पर सीधा वार:
रामानुज सिंह ने देश की व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि हम सभी करदाता हैं, लेकिन सरकारी सुविधाएँ समय पर नहीं मिलतीं। हर जगह रिश्वतखोरी हावी है। उन्होंने पूछा – “जब हम रोड टैक्स दे रहे हैं तो टोल टैक्स की वसूली क्यों?”
उनका मानना है कि नि:शुल्क शिक्षा और सस्ती स्वास्थ्य सेवाएँ आम नागरिक का अधिकार होना चाहिए।

खोखले वादों के खिलाफ:
नेताओं पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा – “नेता वह होना चाहिए जो कहे कि मेरे शरीर का हर कतरा देश की सेवा में काम आएगा, न कि वह जो सिर्फ सत्ता में आने के लिए खोखले वादे करे।”

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