“मुफ्त शिक्षा-चिकित्सा और भ्रष्टाचार मुक्त शासन ही राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी का एजेंडा”- मोनिका गौतम

Share

पूर्वांचल लाइफ़: चेन्नई ब्यूरो

किसी भी देश की प्रगति का पैमाना उसके नागरिकों का जीवन स्तर होता है। लेकिन आज भी आम आदमी रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा और स्वास्थ्य जैसी बुनियादी ज़रूरतों के बोझ से दबा हुआ है। उसकी आवाज़ बड़े मंचों तक नहीं पहुँच पाती। ऐसे हालात में जब जनता एक सच्चे रहनुमा की तलाश करती है, तब एक नई राजनीतिक ताक़त मैदान में कदम रख चुकी है-“राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी”।

इस पार्टी की कमान संभाली है युवा और तेज़तर्रार नेता मोनिका गौतम ने, जिनका कहना है कि उनका संघर्ष सत्ता के लिए नहीं, बल्कि व्यवस्था में आमूलचूल बदलाव के लिए है।

शिक्षा और स्वास्थ्य: हर नागरिक का हक़, कोई सौदा नहीं:
मोनिका का मानना है कि आज शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से व्यवसाय में तब्दील हो चुकी है। गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दिलाने या बेहतर इलाज कराने के लिए तरस जाते हैं।

“जब तक शिक्षा और चिकित्सा मिशन नहीं बनेंगी, तब तक देश की तरक्की अधूरी रहेगी। हमारी पार्टी इसे हर नागरिक का मौलिक अधिकार बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।”

महिला सुरक्षा: न भाषण, बल्कि ठोस कदम:
महिला सुरक्षा के सवाल पर मोनिका ने साफ कहा कि सिर्फ मंच से भाषण देने से हालात नहीं बदलते। गाँव, कस्बों से लेकर महानगरों तक महिलाएँ असुरक्षित महसूस करती हैं।

“हम सत्ता में आए तो महिला सुरक्षा को दिखावटी मुद्दा नहीं, बल्कि प्राथमिकता बनाएँगे। कड़ी कानून व्यवस्था और त्वरित न्याय ही इसका हल है।”

चुनावी धांधली: लोकतंत्र पर धब्बा:

उन्होंने उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में चुनावों के दौरान हुई धांधली का ज़िक्र करते हुए कहा कि यह सीधे-सीधे लोकतंत्र की गरिमा पर हमला है।

“हर नागरिक को निष्पक्ष मतदान का अधिकार मिलना चाहिए। जब तक चुनाव ईमानदार नहीं होंगे, तब तक लोकतंत्र अधूरा है। हमारी लड़ाई इसे सुनिश्चित करने के लिए है।”

पार्टी का विस्तार और महिलाओं की भागीदारी:

राष्ट्रीय सुरक्षा पार्टी आज झारखंड, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल और बिहार में तेजी से अपनी जड़ें मज़बूत कर रही है। सैकड़ों कार्यकर्ता जनता की समस्याओं के समाधान में जुटे हैं।
सबसे ख़ास बात यह है कि इस पार्टी में 50% से अधिक महिलाएँ सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

“हमारी ताक़त ही हमारी महिला कार्यकर्ता हैं। पार्टी संस्थापक रामानुज सिंह जी के मार्गदर्शन में हम जनसेवा को मिशन बना चुके हैं।”

दिल्ली का आवारा कुत्ता विवाद बनाम असली मुद्दे:
दिल्ली में आवारा कुत्तों को लेकर हुए विवाद पर मोनिका ने कहा कि असल बहस बेरोजगारी, स्वास्थ्य और शिक्षा जैसे बुनियादी सवालों पर होनी चाहिए थी।

“न्यायपालिका और प्रशासन को संतुलित कदम उठाने चाहिए ताकि पशु अधिकार भी सुरक्षित रहें और मानवीय मुद्दे भी पीछे न छूटें।”

भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार:
मोनिका ने स्पष्ट कहा कि जनता सबसे ज़्यादा तहसील, ब्लॉक और ज़िला स्तर पर भ्रष्टाचार से त्रस्त है।

“आज हर छोटे-बड़े काम के लिए रिश्वत देनी पड़ती है। हमारी पार्टी का संकल्प है-जनता को इस दलदल से बाहर निकालना।”

आगामी चुनावी लक्ष्य:
उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को लेकर उन्होंने कहा कि पार्टी अधिक से अधिक सीटों पर मैदान में उतरेगी।

“जनता हमें सत्ता में लाती है तो हम गायब नहीं होंगे। हमारा एजेंडा ही मुफ्त शिक्षा, मुफ्त स्वास्थ्य और भ्रष्टाचार मुक्त शासन है। यही सच्ची जनसेवा है।”

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!