सामुदायिक शौचालय पर ताला लगने से ग्रामीण परेशान!

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सुइथा कला, जौनपुर।
जहुरूद्दीनपुर ग्राम पंचायत में स्थित सामुदायिक शौचालय पर ताला लटका हुआ होना ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन गया है। इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित महिलाएं और बुजुर्ग हैं, जिन्हें शौचालय के समय से न खुलने और साफ-सफाई की कमी के चलते असुविधा का सामना करना पड़ रहा है।

ग्रामीणों ने जताई नाराज़गी

गांव की महिलाओं ने बताया कि शौचालय को सुबह और शाम खोले जाने का नियम है, लेकिन वह अक्सर बंद रहता है। इसके अलावा, शौचालय की सफाई व्यवस्था भी बेहद खराब है। शौचालय के अंदर इतनी गंदगी होती है कि वहां जाने पर दम घुटने जैसी स्थिति हो जाती है। महिलाओं का आरोप है कि शौचालय की टंकी में पानी की व्यवस्था भी नहीं है, जिससे स्थिति और अधिक विकट हो जाती है।

प्रधान और प्रशासन की अनदेखी

ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने ग्राम प्रधान मनबोध को कई बार इस समस्या के बारे में अवगत कराया, लेकिन कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया। महिलाओं ने पत्रकारों से संपर्क कर अपनी बात सरकार तक पहुंचाने की अपील की।

मौके पर पत्रकारों ने देखी जमीनी हकीकत

जब पत्रकारों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति का जायजा लिया, तो उन्होंने देखा कि शौचालय पर ताला लगा हुआ था और उसकी साफ-सफाई बेहद दयनीय स्थिति में थी। शौचालय के आसपास दुर्गंध फैली हुई थी, और अंदर की गंदगी ने ग्रामीणों के आरोपों को सही साबित कर दिया।

महिलाओं की मांग

गांव की महिलाओं ने सामुदायिक शौचालय की टंकी में पानी की नियमित व्यवस्था और साफ-सफाई सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि यह समस्या जल्द हल नहीं होती, तो वे उच्च अधिकारियों से शिकायत करने के लिए मजबूर होंगी।

सरकार की मंशा पर पानी फेरते प्रधान

जहां सरकार खुले में शौच की प्रथा समाप्त करने के लिए हर ग्राम सभा में सामुदायिक शौचालय का निर्माण कर रही है, वहीं स्थानीय प्रशासन की उदासीनता इस उद्देश्य को विफल कर रही है। ग्रामीणों का कहना है कि ग्राम प्रधान और सचिव इस मामले में गंभीरता नहीं दिखा रहे हैं।

ग्रामीणों की मांग: जांच और कार्रवाई हो

ग्रामीणों ने इस मामले की जांच कराने और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि प्रशासन इस समस्या को हल करने में विफल रहता है, तो वे इसे आंदोलन का रूप देंगे।

सरकार के लिए चिंतन का विषय

यह घटना न केवल सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में खामियों को उजागर करती है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि यदि स्थानीय स्तर पर प्रशासनिक जिम्मेदारियां सही ढंग से निभाई जाएं, तो जनसुविधाएं अधिक प्रभावी हो सकती हैं।

इस मामले में स्थानीय प्रशासन और संबंधित विभाग को तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि ग्रामीणों को इस परेशानी से निजात मिल सके।

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