कैट ने पीयूष गोयल से की करवाई का आग्रह किया*
ठाणे। कॉन्फेडरेशन ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) महाराष्ट्र प्रदेश के महामंत्री एवं अखिल भारतीय खाद्य तेल व्यापारी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शंकर ठक्कर ने बताया कैट ने एक चौंकाने वाले वक्तव्य में कहा है कि ऑमेज़न इंडिया द्वारा अपने ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर ‘श्रीराम मंदिर अयोध्या प्रसाद’ के नाम में मिठाई प्रसाद बेचा जा रहा है जो विशुद्ध रूप से देश के लोगों के साथ एक बड़ी धोखाधड़ी है और लोगों की धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।
कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बी सी भरतिया एवं राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने आज केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र भेजकर इस धोखाधड़ी की तरफ़ उनका ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि यह सर्वविदित है कि अयोध्या धाम के श्री राम मंदिर से अभी कोई प्रसाद वितरित नहीं हो रहा है लेकिन आमेजन के ई कॉमर्स प्लेटफार्म पर एक विक्रेता के नाम से “श्री राम मंदिर अयोध्या प्रसाद” खुले आम बेचा जा रहा है। जिस प्रकार से विवरण लिखा गया है एक यह संदेश दे रहा है कि यह प्रसाद श्री राम मंदिर का ही है। उन्होंने कहा कि ऐसे समय में जब सारा देश राम मय हो रहा है और लोग बेहद श्रद्धा भाव से श्री राम के काज में जुटे हैं, ऐसे में आमेजन द्वारा इस प्रकार का कृत्य बेहद ही नापाक है और एक बहुत बड़ी धोखाधड़ी है ।
कैट ने श्री गोयल से आग्रह किया है कि उपभोक्ता मंत्रालय की उपभोक्ता शिकायत और सुरक्षा अथॉरिटी (सीसीपीए) तुरंत इस ओर कार्यवाही करे और जब तक जाँच पूरी न हो जाये तब तक आमेजन के ई मार्केटप्लेस को प्रतिबंधित किया जाये।
शंकर ठक्कर ने कहा कि आमेजन का इतिहास काला है और इस घटना से उसका असली चेहरा उजागर हो गया है । एक बेहद पूजनीय स्थान से जोड़ कर जिस तरह प्रसाद की बिक्री की जा रही है, उससे पता चलता है कि आमेजन की मानसिकता कितनी विकृत है और उन्हें जेसी देश के नियम एवं क़ानूनों से कोई सरोकार नहीं है । आमेजन नियम एवं क़ानूनों का उल्लंघन करने का आदी है तभी दुनिया के अनेक देशों में आमेजन के ख़िलाफ़ अनेक मुक़दमे चल रहे हैं ।
कैट महाराष्ट्र प्रदेश के वरिष्ठ अध्यक्ष महेश बखाई ने पुरज़ोर आग्रह किया है कि ई कॉमर्स पालिसी एवं उकभोक्ता क़ानून के अंतर्गत नियमों को शीघ्र ही लागू किया जाये। जब तक यह लागू नहीं होंगे तब तक आमेजन जैसी विदेशी कंपनियाँ अपनी मनमानी करते हुए लोगों को ठगती रहेंगी और देश के छोटे व्यापारियों को बड़ा नुक़सान झेलना पड़ेगा।