सरकारी दावा फेल, बाहर से अल्ट्रासाउंड कराने को मजबूर हुए मरीज

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पूर्वांचल लाइफ/अमित तिवारी

अस्पताल 2 लेकिन रेडियोलॉजिस्ट एक

मरीजों को मजबूरन प्राइवेट जांच केंद्रों का सहारा लेना पड़ रहा है।

जौनपुर। उमानाथ सिंह जिला अस्पताल तथा महिला अस्पताल में केवल एक ही रेडियोलॉजिस्ट उपलब्ध होने की वजह से मरीजों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। हालात ऐसे बन गए हैं कि मरीजों को सरकारी अस्पताल में समय पर अल्ट्रासाउंड की सुविधा नहीं मिल पा रही है और उन्हें मजबूरन प्राइवेट जांच केंद्रों का सहारा लेना पड़ रहा है।

जिला अस्पताल में इलाज के लिए आए एक मरीज के हाथ में प्राइवेट जांच केंद्र से कराई गई अल्ट्रासाउंड रिपोर्ट देखी गई। पत्रकारों ने जब इस मामले पर उक्त मरीज से बात किया तो नाम न छापने की शर्त पर पता चला कि, सरकारी अस्पताल में समय पर अल्ट्रासाउंड नहीं हो सका, इसलिए मरीज को निजी केंद्र पर जाना पड़ रहा है

योगी सरकार लाख दावा करती रहे लेकिन तमाम सुविधाओं का लाभ आज तक जनता को नहीं मिल पा रहा है। बता दें कि, जिला अस्पताल और महिला अस्पताल में प्रतिदिन दर्जनों मरीज अल्ट्रासाउंड के लिए आते हैं। हालांकि, एक ही रेडियोलॉजिस्ट दोनों अस्पतालों के लिए जिम्मेदार है, जिन्हें अस्पताल के साथ साथ मेडिकल की भी जिम्मेदारी रहती है और रेडियोलॉजिस्ट पर दिन ब दिन मरीजों का दबाव लगातार बढ़ ही रहा है।मरीजों में नीतू उपाध्याय, कोमल सहित अन्य मरीजों का कहना है कि, सरकारी अस्पताल में जब अल्ट्रासाउंड कराने की सुविधा है, तो उन्हें निजी जांच केंद्र पर क्यों जाना पड़े। निजी केंद्रों पर उन्हें महंगी फीस चुकानी पड़ती है, जो गरीब और जरूरतमंद मरीजों के लिए मुश्किल हो जाती है। इस तरह की घटनाओं से कमजोर पड़ते नजर आ रहे विशेषज्ञों का कहना है कि, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार के लिए अधिक रेडियोलॉजिस्ट और अन्य चिकित्सकीय स्टाफ की नियुक्ति आवश्यक है।

दूर दराज से आए मरीजों ने वताया कि, अस्पताल प्रशासन को चाहिए कि, मरीजों की परेशानियों को गंभीरता से लें और स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए ठोस कदम उठाएं। सरकारी अस्पताल में संसाधनों की कमी को जल्द से जल्द दूर करना समय की मांग है, ताकि मरीजों को प्राइवेट सेंटर जाने की मजबूरी से निजात मिल सके।

उक्त मामले पर बात करने पर मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ के0के0 राय ने इस समस्या को स्वीकार किया है। उन्होंने कहा, “एक ही रेडियोलॉजिस्ट होने की वजह से दोनों अस्पतालों में काम का दबाव बढ़ गया है। हम स्थिति को सुधारने के लिए प्रयास कर रहे हैं और जल्द ही समाधान निकाला जाएगा। मरीजों को सरकारी सेवाओं का लाभ समय पर मिल सके, यह हमारी प्राथमिकता है।”

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