धनंजय राय ब्यूरो रिपोर्ट
भदोही। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दहेज उत्पीड़न के मामले की लचर विवेचना पर भदोही एसपी को कड़ी फटकार लगाते हुए विवेचक को तलब किया है। कोर्ट ने एसपी से पूछा कि सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देश के बावजूद बिना स्पष्ट आरोप के दहेज उत्पीड़न में पति के रिश्तेदार कैसे फंसाए जा रहे हैं।
यह आदेश न्यायमूर्ति राजवीर सिंह की अदालत ने अंकित कुमार दुबे व सात अन्य ओर से आरोप पत्र को चुनौती देने वाली याचिका पर दिया है। मामला भदोही का है। आरोपी पति अंकित की शादी 11 मई 2022 को हुई थी। शादी के कुछ समय बाद अंकित की पत्नी ने पति, दो अविवाहित देवर और दो विवाहित ननद समेत पूरे परिवार के खिलाफ महिला थाने में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा दर्ज कराया। मामले की विवेचना के बाद विवेचक ने सभी के खिलाफ आरोपपत्र भी दाखिल कर दिया।
याची के अधिवक्ता ने दलील दी कि पीड़िता ने पुलिस को दिए बयान में घटना की तारीख का उल्लेख नहीं किया है। जबकि, एफआईआर में कहा है कि 5 जनवरी 2024 को उसे दहेज की मांग को लेकर मारपीट कर घर से निकाल दिया गया। पीड़िता ने सामान्य आरोप लगाते हुए पूरे परिवार को फंसाया है। इसमें दो अविवाहित देवर व दो विवाहित ननद को भी शामिल कर दिया, जो अलग रहते हैं। खफा कोर्ट ने कहा कि लगता है कि विवेचनाधिकारी ने जांच की ही नहीं। मामले की अगली सुनवाई 30 सितंबर नियत कर कोर्ट ने विवेचना अधिकारी को हाजिर होने का आदेश दिया है।