मुंबई। देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की पहचान बन चुकी उपनगरीय लोकल ट्रेनें अब बिल्कुल नया रूप लेने जा रही हैं। पारंपरिक लोकल ट्रेनों की जगह जल्द ही यात्रियों को मिलेगी आधुनिकतम तकनीक से लैस एसी वंदे मेट्रो (उपनगरीय) की सौगात। मुंबई रेलवे विकास निगम लिमिटेड (एमआरवीसी) ने इसके लिए **2,856 कोचों की खरीद और 35 साल तक अनुरक्षण हेतु 21 हजार करोड़ रुपए का मेगा टेंडर जारी किया है।
12, 15 और 18 डिब्बों के लंबे रेक
अभी तक मुंबई की लोकल अधिकतर 12 और 15 डिब्बों की रहती हैं, लेकिन भीड़भाड़ को देखते हुए अब 12, 15 और यहां तक कि 18 डिब्बों वाली वंदे मेट्रो चलाई जाएंगी। योजना है कि अगले 7–8 वर्षों में 238 नई एसी वंदे मेट्रो ट्रेनें मुंबईकरों की यात्रा का हिस्सा बन जाएं।
दो बड़े मेंटेनेंस डिपो
इन ट्रेनों के रखरखाव के लिए मध्य रेलवे के भिवपुरी और पश्चिम रेलवे के वानगांव में अत्याधुनिक डिपो बनाए जाएंगे। यह काम मुंबई अर्बन ट्रांसपोर्ट प्रोजेक्ट (MUTP) फेज III और IIIA के तहत होगा।
चेहरा बदल देगी मुंबई लोकल
एमआरवीसी के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक विलास सोपन वाडेकर ने कहा—
“वंदे मेट्रो की शुरुआत मुंबई के परिवहन ढांचे में ऐतिहासिक बदलाव लाएगी। यात्रियों को भीड़ से राहत, अधिक सुरक्षा और विश्वस्तरीय सुविधाओं का अनुभव होगा। यह परियोजना मेक इन इंडिया के तहत पूरी होगी और पहला प्रोटोटाइप रेक अनुबंध मिलने के दो वर्षों के भीतर मुंबई पहुंचेगा।”
कैसी होंगी वंदे मेट्रो (उपनगरीय)
पूरी तरह वातानुकूलित और वेस्टिब्यूल्ड रेक
अधिक एक्सीलरेशन-डिसेलरेशन, समयबद्धता में सुधार
स्वचालित बंद दरवाजे
आधुनिक इंटीरियर, गद्देदार सीटें, मोबाइल चार्जिंग और इंफोटेनमेंट
130 किमी/घंटा तक की गति क्षमता
दोनों सिरों पर लगेज डिब्बे
मुंबई की जलवायु के अनुकूल उच्च क्षमता वाला एचवीएसी
वैश्विक मानक की सुरक्षा प्रणाली व बेहतर ब्रेकिंग
80 लाख यात्रियों के लिए राहत
मुंबई लोकल से रोज़ाना करीब 80 लाख यात्री सफर करते हैं। बढ़ती भीड़ और दबाव को देखते हुए यह कदम यात्रियों को राहत देने वाला है। जानकारों के अनुसार, एशिया में रोलिंग स्टॉक की खरीद के लिए इतनी बड़ी निविदा पहली बार निकाली गई है। आने वाले पांच सालों में धीरे-धीरे वंदे मेट्रो ट्रेनें मुंबई की लाइफलाइन बन जाएंगी।