संपूर्ण भारत में 4 जून तक जारी रहेगी आसमान से अग्नि वर्षा चारों तरफ मचेगा हाहाकर कोई कुछ भी कहे लेकिन एक बार फिर से हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम पूर्वानुमान और विज्ञान अनुसंधान केंद्र के द्वारा यह चेतावनी जारी की जाती है की एक सप्ताह तक अर्थात 4 जून तक भीमभयंकर प्रलयंकर गर्मी और झुलसा देने वाली हवाओं उमस और पसीना में कोई भी कमी होने वाली नहीं है इस कालखंड में 95% भारत अग्नि के झुलसती हुई भट्टी बना रहेगा और शरीर का खून जल देने वाली गर्मी पड़ेगी।
इस गर्मी की सबसे भयंकर बातें यह है कि लगातार पूर्वी हवाएं चलने के कारण स्थितियां और भी जटिल तथा भयंकर हो जाएंगी क्योंकि रात्रि का तापमान 30 से 32 डिग्री सेल्सियस रहेगा जो अत्यंत ही भयानक है इस भयानक गर्मी में लोगों का ठीक से सो पाना भी संभव नहीं है एक बात और है कि पछुआ हवा चलने पर रात ठंडी हो जाती है और उमस तथा पसीना नहीं होता है जिससे शरीर 50 डिग्री सेल्सियस तक सहन करने की स्थिति में होता है।
लेकिन जब पूर्वी हवा चल रही हो और उमस पसीना जारी हो तो मैदानी क्षेत्रों में 45 डिग्री सेल्सियस का तापमान 50 डिग्री सेल्सियस और 47 डिग्री सेल्सियस का तापमान 52 डिग्री सेल्सियस के बराबर होता है जैसा कि इस समय हो रहा है जबकि समुद्र के किनारे और पहाड़ी क्षेत्रों में 35 डिग्री सेल्सियस का तापमान 45 डिग्री सेल्सियस के बराबर माना जाता है अभी आने वाले समय में हर एक कीर्तिमान तोड़ देने वाली गर्मी जारी रहेगी और यह गर्मी जम्मू से लेकर तमिलनाडु गुजरात राजस्थान से लेकर बंगाल और उड़ीसा अर्थात 95% भारत के भूभाग पर जारी रहेगी।
उसमें भी मुंबई नालासोपारा कर्नाटक के उत्तरी भाग तेलंगाना और आंध्र प्रदेश से लेकर उड़ीसा के बीच अत्यंत ही विषम और भयंकर स्थिति होगी इसलिए 4 जून तक सबको बहुत ही सावधान होकर रहना पड़ेगा इसमें भी गुजरात महाराष्ट्र मध्य प्रदेश झारखंड छत्तीसगढ़ बिहार उत्तर प्रदेश दिल्ली पंजाब हरियाणा नोएडा और जम्मू प्रभाग की हालत नरक की आग जैसी होगी 5 जून से मौसम में थोड़ा सुधार होगा फिर भी अधिकतम तापमान 42 से 43 डिग्री सेल्सियस तक रहेगा।
केरल तमिलनाडु कर्नाटक के कुछ भागों और दक्षिण पठार के अनेक भागों पर लगातार एक सप्ताह तक मानसूनी वर्षा होने के बाद रेमल महा चक्रवात के प्रभाव से मानसून 1 सप्ताह के लिए ठिठक गया है जो आज से केरल अंडमान निकोबार लक्षद्वीप में प्रारंभ हो जाएगा ऐसी आशा की जाती है कि मानसून कर्नाटक को 5 से 7 जून मुंबई महाराष्ट्र को 7 से 10 जून गुजरात मध्य प्रदेश उड़ीसा बंगाल को 10 से 15 जून और बिहार उत्तर प्रदेश राजस्थान के कुछ भागों में 15 से 20 जून दिल्ली में और पंजाब हरियाणा में 20 से 25 जून को पहुंच जाएगा।
हमारे केंद्र की भविष्यवाणी के अनुसार कल 28 मई 2024 को संपूर्ण भारत में सबसे गर्म दिन रहा जब देश का औसत तापमान 41 डिग्री सेल्सियस अंकित किया गया ऐसा भूतकाल में कभी नहीं हुआ था लेकिन आने वाले समय में यह स्थिति और भी अधिक विकट और भयावह होने वाली है कल देश में अधिकतम तापमान का कीर्तिमान बन गया जबकि जौनपुर और गाजीपुर प्रतापगढ़ में 48 डिग्री सेल्सियस से अधिक प्रयागराज कालपी फूलपुर आगरा कोटा कालपी सहित कई दर्जन नगरों का तापमान 49 डिग्री सेल्सियस और दिल्ली के मंगेशपुरी चूरू फलोदी राजस्थान में कई स्थानों पर तापमान 50 से 51 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया गया यह अपने आप में एक अभूतपूर्व कीर्तिमान है अगर कल सही तापमान का आकलन किया गया होता तो यह तापमान और भी अधिक हो सकता था इन सभी भागों में आगे एक सप्ताह तक तापमान 45 से 51 डिग्री सेल्सियस के बीच चलता रहेगा।
इस वर्ष भारत के मानसून पर फिर से मौसम विभाग गलत आकलन कर रहा है और बार-बार अपने भविष्यवाणी में सुधार कर रहा है यही हाल स्काई वेदर का भी है हमारे अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम विज्ञान पूर्वानुमान एवं अनुसंधान केंद्र का आकलन है कि देश का 20% भूभाग सुख और काल से जबकि 80% भूभाग बाढ़ वर्षा अतिवृष्टि और जल प्लावन से जूझता रहेगा इस बार जौनपुर सहित अधिकांश नगरों में बाढ़ आने की पूरी और प्रचंड संभावना है और इस महाभयंकर बाढ़ में अनेक स्थानों का नामोनिशान मिट जाएगा।
जून में एक बार फिर से बंगाल की खाड़ी या अरब सागर में एक महा चक्रवात उत्पन्न होकर बहुत ही भयानक विनाश लीला मचाएगा जो रेमल महा चक्रवात से कई गुना अधिक विनाशकारी सिद्ध होगा जिसमें महाभयंकर हवाओं की रफ्तार 140 किलोमीटर से 220 किलोमीटर के आसपास होगा इसके अतिरिक्त सितंबर अक्टूबर तक एक मध्यम और एक प्रथम श्रेणी के महा भयंकर विनाशकारी चक्रवात आने की ही प्रबल संभावना है एक बात और है कि दिल दहला देने वाली कीर्तिमान बनाने वाली यह गर्मी इतनी प्रचंड है कि कभी भी कहीं भी कुछ भी हो सकता है और कभी-कभी भी आंधी तूफान बवंडर आकर हाहाकार मचा सकते हैं।
कुल मिलाकर अभी एक सप्ताह तक दिल दहला देने वाली शरीर सुख देने वाली 45 से 51 डिग्री सेल्सियस का भयानक ताप खून सुखाने वाली गर्मी भारतीय उपमहाद्वीप में जारी रहेगी आने वाले समय 5 जून से तापमान धीरे-धीरे काम होगा लेकिन अस्थाई रूप से 15 जून के बाद ही मौसम में सुधार होगा जब पूर्व मानसूनी वर्षा प्रारंभ हो जाएगी प्रकृति के आगे मानव के सारे संसाधन वातानुकूलन यंत्र विफल होंगे जब तक मनुष्य द्वारा मूर्खतापूर्ण औद्योगिकरण जारी रहेगा सीमेंट और कंक्रीट के जंगल इलेक्ट्रिक इलेक्ट्रॉनिक पूरा कचरा प्रदूषण रेडिएशन प्लास्टिक और विनाशक विषैला कूड़ा कचरा पैदा किए जाएंगे और जब तक लोग धरती को हरा भरा जंगल आज से 100 साल पहले जैसा नहीं बना देंगे चारों ओर हरियाली नहीं रहेगी तब तक यह तापमान ऐसे ही प्रलय जैसा दृश्य उत्पन्न करता रहेगा।
डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि और निर्देशक।