दो आंगनबाड़ी केंद्र वर्षों से बंद, बच्चों और गर्भवती महिलाओं को नहीं मिल रही जरूरी सुविधाएं

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ग्रामीण बोले “छोटे बच्चों का पोषण और महिलाओं की सेहत से खिलवाड़ बंद हो”

धनंजय राय, पूर्वांचल लाइफ

भदोही (डीघ ब्लॉक)। बनकट ऊपरवार गांव में सरकारी योजना के तहत स्वीकृत चार आंगनबाड़ी केंद्रों में से दो केंद्र बीते कई महीनों से बंद पड़े हैं। इन केंद्रों के बंद होने से गांव के बच्चों को न तो समय से पोषण मिल रहा है और न ही प्रारंभिक शिक्षा। वहीं गर्भवती और धात्री महिलाएं भी जरूरी पोषक आहार से वंचित हैं।

ग्रामीणों का कहना है कि केंद्रों पर ताले लटके रहते हैं और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता भी नियमित रूप से उपस्थित नहीं होतीं। इससे लाभार्थियों में निराशा फैल रही है। कई बार शिकायतें करने के बावजूद अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि उन्होंने इस मुद्दे को कई बार पंचायत प्रतिनिधियों और विभागीय अधिकारियों के सामने उठाया, लेकिन हर बार उन्हें केवल “जांच का आश्वासन” मिला।

क्या बोले अधिकारी और पंचायत प्रतिनिधि:——–
जब इस बारे में आंगनबाड़ी पर्यवेक्षिका और पंचायत प्रतिनिधियों से बात की गई, तो उन्होंने कहा कि वे मामले की जांच करेंगे और जल्द समाधान की कोशिश होगी। हालांकि अब तक धरातल पर कोई कार्रवाई नजर नहीं आई है।

ग्रामीणों की मांग:——-
ग्रामीणों ने जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग से मांग की है कि बंद पड़े आंगनबाड़ी केंद्रों को शीघ्र चालू किया जाए और संबंधित कर्मचारियों की जवाबदेही तय की जाए। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक केंद्र का मामला नहीं, बल्कि बच्चों और महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा से जुड़ा एक गंभीर विषय है।

निष्कर्ष:——
गांव के लोगों ने आंगनबाड़ी सेवाओं की बदहाली को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है और उम्मीद जताई है कि जल्द ही जिम्मेदार अधिकारी संज्ञान लेकर उचित कार्रवाई करेंगे, ताकि बच्चों और महिलाओं को उनका हक मिल सके।

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