न्यायाधीशों व अधिकारियों ने दी कानूनी अधिकारों की जानकारी
जौनपुर।
जनपद न्यायाधीश सुशील कुमार शशि की अध्यक्षता और सचिव पूर्णकालिक अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश कुमार सिंह की देखरेख में आज राधा कृष्ण इंटर कॉलेज, गुदरीगंज जौनपुर में एक विधिक साक्षरता जागरूकता सेमिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव पूर्णकालिक प्रशांत कुमार सिंह रहे।
सेमिनार में न्यायाधीशों, प्रशासनिक अधिकारियों, शिक्षकों और बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं एवं महिलाओं की सहभागिता रही।
इस अवसर पर डॉ. दिलीप कुमार सिंह (डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल), देवेंद्र कुमार यादव (पैनल लॉयर एवं काउंसलर), नायब तहसीलदार शैलेंद्र कुमार सरोज, खंड शिक्षा अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव, बाल संरक्षण अधिकारी चंदन राय, प्राचार्य/प्रधानाचार्य रामसेवक यादव, अध्यक्ष राधा कृष्ण इंटर कॉलेज, तथा प्राधिकरण के सुनील कुमार मौर्य एवं राकेश कुमार यादव उपस्थित रहे।
न्यायाधीश प्रशांत कुमार सिंह ने दी पोक्सो एक्ट और विधिक सहायता की जानकारी
अपने उद्बोधन में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव पूर्णकालिक प्रशांत कुमार सिंह ने कहा कि समाज के वंचित वर्गों, महिलाओं और बच्चों को निशुल्क विधिक सेवाएं उपलब्ध कराना प्राधिकरण का मुख्य उद्देश्य है। उन्होंने पोक्सो एक्ट, नशा उन्मूलन, कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न, और मध्यस्थता प्रणाली पर विस्तार से चर्चा की।
उन्होंने कहा कि “सभी सुलह योग्य मुकदमों का निस्तारण मध्यस्थता और राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से किया जाना चाहिए,” जिससे पीड़ितों को शीघ्र न्याय मिल सके।
साथ ही उन्होंने छात्र-छात्राओं को ‘अच्छे और बुरे स्पर्श’ के बारे में भी जागरूक किया।
डिप्टी चीफ डिफेंस काउंसिल डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया विधिक सेवा प्राधिकरण का इतिहास
कार्यक्रम का संचालन करते हुए डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (NALSA) को 1980 के दशक में न्यायमूर्ति पी.एन. भगवती और न्यायमूर्ति वी. कृष्ण अय्यर की प्रेरणा से एक वैकल्पिक न्याय प्रणाली के रूप में स्थापित किया गया था।
उन्होंने बताया कि देश के हर जिले में विधिक प्राधिकरण के माध्यम से मध्यस्थ, पैनल लॉयर, काउंसलर, डिफेंस लीगल सिस्टम, पैरालीगल वॉलंटियर, फ्रंट ऑफिस, वैवाहिक प्री-लिटिगेशन वाद आदि के जरिये निशुल्क सहायता प्रदान की जाती है।
उन्होंने कहा कि “राष्ट्रीय लोक अदालत और मध्यस्थता में किए गए समझौते अंतिम होते हैं और इनमें फीस वापस कर दी जाती है।”
उन्होंने बच्चों में अनुशासन, देशप्रेम और संस्कारों के विकास पर विशेष बल दिया।
काउंसलर देवेंद्र कुमार यादव ने बताया — कैसे मिले प्राधिकरण से निशुल्क सहायता
काउंसलर देवेंद्र कुमार यादव ने परिवार न्यायालयों में काउंसलिंग सिस्टम, फ्रंट पैनल सिस्टम और सुलह-समझौता प्रक्रिया के महत्व पर प्रकाश डाला।
उन्होंने बताया कि पारिवारिक प्रताड़ना, तेजाब पीड़ित और घरेलू हिंसा से प्रभावित लोग प्राधिकरण के माध्यम से निशुल्क विधिक सहायता प्राप्त कर सकते हैं।
अधिकारियों ने दी योजनाओं की जानकारी
नायब तहसीलदार शैलेंद्र कुमार सरोज, खंड शिक्षा अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव, बाल संरक्षण अधिकारी चंदन राय तथा चौकी प्रभारी बक्सा थाना सकलदीप सिंह ने शासन की विभिन्न सहायता योजनाओं और कानूनी प्रावधानों की जानकारी दी।
उन्होंने घरेलू हिंसा अधिनियम, बाल विवाह निषेध कानून, महिला कल्याण योजनाएं, सुमंगला योजना, पीसीआरबी वैन, तथा टोल फ्री नंबर 1090, 1098, 100, 101, 1500 की उपयोगिता पर प्रकाश डाला।
नायब तहसीलदार ने बताया कि आय, जाति, निवास प्रमाणपत्र मात्र 30 रुपये में बनते हैं, जिनमें ₹10 सरकारी शुल्क और ₹5 लेखपाल के लिए निर्धारित हैं।
अंत में हुआ धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम के अंत में प्रधानाचार्य रामसेवक कविराज यादव (नेताजी) ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
संचालन का दायित्व शिक्षक संग्राम सिंह ने निभाया।