₹1.25 करोड़ सोने की धोखाधड़ी मामले में एडवोकेट राजपुरोहित ने दिलाई जमानत

Share

मुंबई – दिनांक (14 अक्टूबर, 2025)
राजस्थान के 40 वर्षीय व्यवसायी विक्रमसिंह रामसिंह राव को टाडा (पी) अधिनियम के तहत विशेष न्यायाधीश की अदालत, बम्बई द्वारा जमानत दे दी गई है। उन्हें कथित ₹1.25 करोड़ के सोने की धोखाधड़ी और आपराधिक विश्वासघात के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
22 अक्टूबर, 2024 को एल.टी. मार्ग पुलिस स्टेशन में एक प्राथमिकी (FIR) दर्ज की गई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि श्री राव ने 1734.280 ग्राम सोने के आभूषण प्राप्त किए थे, लेकिन उन्हें वापस करने या उनका भुगतान करने में विफल रहे।
एडवोकेट हर्षवर्धन सिंह राजपुरोहित एवं एडवोकेट अंशुमान सिंह राजपुरोहित ने श्री राव की जमानत के लिए सफलतापूर्वक बहस की। बचाव पक्ष ने इस बात पर जोर दिया कि आरोप पत्र चार्जशीट पहले ही दाखिल किया जा चुका है, इसलिए आगे की हिरासत में पूछताछ अनावश्यक है। समानता के सिद्धांत का हवाला देते हुए, यह उल्लेख किया गया कि श्री राव के परिवार सहित सह-आरोपियों को पहले ही अग्रिम जमानत मिल चुकी है।
न्यायाधीश वी.डी. केदार की अदालत ने इस बात से सहमति व्यक्त की, और यह टिप्पणी की कि अनिश्चित काल तक कैद उचित नहीं है, खासकर तब जब मुकदमे में समय लगेगा। अदालत ने श्री राव के राजस्थान के निवासी होने की चिंताओं को भी खारिज कर दिया।
श्री राव को ₹50,000/- के पी.आर. बॉन्ड और ज़मानती पर जमानत दी गई, जिसमें जांच में सहयोग करने और सबूतों के साथ छेड़छाड़ न करने जैसी शर्तें शामिल हैं।
इस मामले में अभियुक्तों के अधिवक्ताओं की सहायता अज़ीम अंसारी और शुभम भोगे ने की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!