राजभाषा सम्मान 2024 से सम्मानित हुए कवि संतोष कुमार झा

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नैनी, प्रयागराज।विश्व हिन्दी साहित्य सेवा संस्थान की ओर से आयोजित तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय साहित्य अधिवेशन के दूसरे दिन सोमवार को संगोष्ठी व सम्मान समारोह आयोजित किया गया। नैनी स्थित जगतपिता ब्रह्मदेव धर्मशाला, देवरख में हुए कार्यक्रम में साहित्यकारों को सम्मानित किया गया।

इस अवसर पर कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि डॉ. एनबी सिंह ‘हरियाली गुरु’ रहें। मुख्य अतिथि मंडलायुक्त डॉ. सुरेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि संस्कृत और हिंदी भाषा अलग नहीं हैं। अंग्रेजी भाषा की जानकारी होना अच्छी बात है, लेकिन हिन्दी की कीमत पर नहीं।

सम्मानित साहित्यकारों में कवि संतोष कुमार झा को राजभाषा सम्मान- 2024 से सम्मानित किया गया।कवि संतोष कुमार झा वर्तमान में कोंकण रेलवे में अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक के पद पर कार्यरत हैं, आपके चार काव्य संग्रह ‘उन्मुक्त’ ,’सूरज का वारिस’, ‘फूल ,कलम और बंदूक’ एवं ‘स्याही का सिपाही’ प्रकाशित हो चुके हैं।

इन साहित्यकारों को किया गया सम्मानित:

डॉ. जुगुल किशोर सारंगी, डॉ. वंदना अग्निहोत्री, डॉ. विजयलक्ष्मी, डॉ. सुषमा, डॉ. सीमा वर्मा, डॉ. गीता त्रिपाठी, डॉ. कृष्णा मणि,अनिल कुमार त्रिपाठी, दिनेश कुमार माली, फरहत, रणजीत सिंह अरोरा, डॉ. रश्मि बौबे, रजनी प्रभा, मुक्ता कौशिक, रतिराम गढ़वाल, संतोष शर्मा, लक्ष्मीकांत वैष्णव, राणा प्रताप, अनीता सक्सेना, माधुरी त्रिपाठी, विजय कृष्ण त्रिपाठी शामिल रहे। साथ ही डॉ. एनबी सिंह की ‘पर्यावरण श्री’ सम्मान से सम्मानित किया गया।

संबोधन में ओम प्रकाश त्रिपाठी ने कहा कि हिंदी के विकास और संवर्धन के लिए हर स्तर पर प्रयास किया जाना चाहिए।

शोधार्थी जयकला और सविता ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए।

साहित्यकारों ने काव्य पाठ किया। कार्यक्रम के अंत में आभार ज्ञापन संस्थान के सचिव डॉ. गोकुलेश्वर कुमार द्विवेदी, संचालन डॉ. सीमा वर्मा, रश्मि चौबे और संयोजन पुष्पा श्रीवास्तव ने किया।

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