पाताल लोक से नरक लोक तक: आस्था के साथ सामाजिक संदेश भी
शाहगंज (जौनपुर), पूर्वांचल लाइफ पंकज जयसवाल:
विजयदशमी के अवसर पर जहां रावण दहन की धूम रही, वहीं नगर और ग्रामीण क्षेत्रों में मां दुर्गा के पंडालों में श्रद्धालुओं की भीड़ देर रात तक उमड़ती रही। भव्य सजावट और आकर्षक थीम ने न केवल भक्तिभाव को बढ़ाया बल्कि समाज के लिए महत्वपूर्ण संदेश भी दिए।
आस्था और जागरूकता का अनोखा संगम
नगर के प्रमुख पंडालों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रही। कई पंडालों में पाताल लोक का दृश्य दिखाकर भगवान शिव और माता रानी के दर्शन कराए गए, तो वहीं नरक लोक पंडाल ने समाज को महत्वपूर्ण चेतावनी दी। निर्माताओं ने बताया कि इसका मकसद बच्चियों के साथ होने वाली घटनाओं पर ध्यान आकर्षित करना और माताओं-बहनों को सतर्क करना है।
पाताल लोक में शिव-शक्ति का अद्भुत संगम
पाताल लोक पंडाल में भक्तों ने माता रानी और भोलेनाथ के दर्शन कर आस्था का अनुभव किया। आयोजकों का कहना था कि यह पंडाल यह संदेश देता है कि शक्ति और आस्था के साथ शिव का आशीर्वाद हमेशा मौजूद है।
नगर में गूंजती जयकारें
महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग सभी ने पंडालों में दर्शन कर नवरात्रि और विजयदशमी के पर्व को यादगार बनाया। कई पंडालों में माता रानी की भव्य सजावट के माध्यम से सामाजिक कुरीतियों और अनुचित प्रथाओं पर चोट करने वाले संदेश भी प्रस्तुत किए गए।
चित्र परिचय:
- विजयदशमी की रात, माता रानी के दर्शन करते श्रद्धालुओं की मदद में जुटे पंडाल के कार्यकर्ता।
- नरक लोक पंडाल में बच्चियों की सुरक्षा का संदेश देखते भक्तजन।