इंसानियत का जिंदा उदाहरण: असिस्टेंट प्रोफेसर ने बचाई घायल कबूतर की जान

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पूर्वाचल लाइफ पंकज जायसवाल
शाहगंज (जौनपुर)।
गन्ना कृषक महाविद्यालय में शनिवार को इंसानियत का अनोखा उदाहरण सामने आया। संस्कृत विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नितेश अग्निहोत्री ने कक्षा के दौरान घायल कबूतर की जान बचाकर मानवता का फर्ज निभाया।

घटना उस समय की है जब शिक्षण कक्ष में उड़ता हुआ एक कबूतर पंखे से टकराकर दीवार से भिड़ गया और ज़मीन पर गिर पड़ा। पक्षी को छटपटाता देख डॉ. अग्निहोत्री तुरंत हरकत में आए और छात्रों की मदद से उसे अस्पताल पहुंचवाया।

उन्होंने शाहगंज स्थित पालीवाल पेट्स क्लीनिक एंड सर्जिकल सेंटर से संपर्क किया और छात्र अस्मित व संजय की मदद से कबूतर को वहां भेजा। चिकित्सक डॉ. आलोक सिंह पालीवाल ने जांच के बाद कबूतर की हालत गंभीर बताते हुए उसे भर्ती करने की सलाह दी। प्रोफेसर की सहमति पर उसका तत्काल उपचार शुरू किया गया।

डॉ. पालीवाल ने बताया कि कबूतर के आंतरिक हिस्से में रक्तस्राव हो रहा था। फिलहाल उपचार के बाद उसकी स्थिति अब सामान्य है।

घटना के बाद डॉ. अग्निहोत्री ने पशु चिकित्सक के समर्पण की सराहना की और कहा कि “जीवन चाहे इंसान का हो या पशु-पक्षी का, उसे बचाना ही सच्चा धर्म है।”

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