सोशल मीडिया की बुलंद आवाज़, अहलेबैत के ज़ाकिर सैयद मोहम्मद मासूम नहीं रहे

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आज दोपहर 3 बजे चार अंगुल की मस्जिद, पान दरीबा में होगी सुपुर्द-ए-ख़ाक

जौनपुर।
सोशल मीडिया पर अपनी बेबाक़ राय और धार्मिक-सामाजिक मुद्दों पर मुखर आवाज़ से पहचान बनाने वाले सैयद मोहम्मद मासूम का सोमवार को इंतकाल हो गया। उनके निधन की खबर से पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई।

सैयद मोहम्मद मासूम को लोग सोशल मीडिया का “बेताज बादशाह” कहते थे। उन्होंने न सिर्फ़ अहलेबैत की ज़ाकिरी को आमफहम भाषा में नई दिशा दी, बल्कि समाज के हर तबके को जोड़ने का काम किया। युवाओं के बीच उनकी विशेष पहचान थी, क्योंकि वे मज़हबी पैग़ाम को आधुनिक सोच के साथ जोड़कर पेश करते थे।

धार्मिक खुत्बों के साथ-साथ वे सामाजिक न्याय, इंसाफ़ और इंसानियत की आवाज़ भी उठाते रहे। उनकी डिजिटल मौजूदगी ने लाखों लोगों को प्रभावित किया। यही कारण है कि उनके इंतकाल से सोशल मीडिया पर श्रद्धांजलियों का सिलसिला थम नहीं रहा है।

पत्रकारिता में भी उनका अहम योगदान रहा। जौनपुर में उन्होंने कई स्थानीय न्यूज़ पोर्टल की नींव रखी, जिसने क्षेत्रीय पत्रकारिता को नई पहचान दी। यही वजह है कि पत्रकार बिरादरी भी उनके बिछड़ने से गहरे सदमे में है।

परिजनों के अनुसार, सैयद मोहम्मद मासूम की मिट्टी आज दोपहर 3 बजे चार अंगुल की मस्जिद, पान दरीबा में दी जाएगी।

उनके इंतकाल से अहलेबैत के चाहने वालों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और अनुयायियों के बीच गहरा दुख व्याप्त है। लोग सोशल मीडिया पर उन्हें याद करते हुए उनके योगदान को सलाम कर रहे हैं।

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