“हौसले की मिसाल: 55% दिव्यांग वासु की साइकिल पर 3200 किमी यात्रा, पालिथिन के खिलाफ जंग”

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जौनपुर, अलीगंज बाजार।
“अगर हौसले बुलंद हों, तो कोई भी दूरी बड़ी नहीं होती” इस कथन को साकार किया है वासु ने, जो 55% दिव्यांग होते हुए भी पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लेकर साइकिल से अब तक 3200 किलोमीटर की लंबी यात्रा तय कर चुके हैं। उनका एकमात्र लक्ष्य है: भारत को पॉलिथिन मुक्त बनाना।

2 जून से शुरू हुई उनकी यह साहसिक यात्रा सोमवार को अलीगंज बाजार स्थित कर्पूरी ठाकुर सेना कार्यालय पहुँची, जहाँ जिला अध्यक्ष डॉ. अनिल कुमार शर्मा समेत संगठन के कई पदाधिकारियों और स्थानीय लोगों ने उनका गरमजोशी से स्वागत किया।

डॉ. शर्मा ने वासु को सम्मान पत्र और माला पहनाकर सम्मानित किया और कहा:——-

“वासु जैसे युवा हमारे समाज के लिए न केवल प्रेरणा हैं, बल्कि एक मिशन हैं। उनकी सोच और संकल्प हर भारतीय को आत्मनिरीक्षण के लिए प्रेरित करता है।”

इस अवसर पर नाटे, सुनील शर्मा यादव, राजकुमार यादव, खुसियाल यादव और विजय मनोज सहित कई गणमान्य जनों ने वासु का अभिनंदन कर उनके साहस की सराहना की।

यह कार्यक्रम गाजी मेडिकल स्टोर के पास, अलीगंज बाजार, कुल्हनामऊ (जौनपुर) में आयोजित हुआ।

वासु का स्पष्ट संदेश है:—–

“जब तक देशवासी पॉलिथिन के खतरे को पूरी तरह समझ नहीं लेते, तब तक मेरी यह यात्रा जारी रहेगी।”

उनकी यह यात्रा केवल पर्यावरण के लिए नहीं, बल्कि समाज की मानसिक सीमाओं को तोड़ने की एक कोशिश भी है। वासु का जज़्बा, समर्पण और अडिग संकल्प यह सिद्ध करता है कि शारीरिक सीमाएं कभी किसी के इरादों को नहीं रोक सकतीं। वह आज एक चलती-फिरती चेतना बन चुके हैं, जो भारत को एक हरित और जिम्मेदार राष्ट्र की ओर ले जाने की मुहिम में लगे हैं।

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