जौनपुर जिले के नगर क्षेत्र में होटलों के नाम पर चल रहे अनैतिक धंधों का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। कई होटलों में बिना किसी वैध प्रक्रिया और सत्यापन के कमरों को घंटों के हिसाब से किराए पर दिए जाने की खबरें प्रकाश में आई हैं। सबसे चिंताजनक बात यह है कि इन गतिविधियों में स्थानीय पुलिस प्रशासन की मिलीभगत के आरोप भी लगाए जा रहे हैं।
बिना पहचान पत्र के युवाओं को दिया जा रहा कमरा———–
शहर के कई होटलों में बिना वैध पहचान पत्र के युवक-युवतियों को कमरा उपलब्ध कराया जा रहा है। ऐसी जगहों पर न तो होटल संचालक वैध दस्तावेजों की जांच करते हैं और न ही उनके आगंतुकों की पृष्ठभूमि की जानकारी रखते हैं। यह लापरवाही न केवल कानून-व्यवस्था को खतरे में डाल रही है, बल्कि समाज के नैतिक मूल्यों पर भी प्रश्न खड़े कर रही है।
अनैतिक कार्यों का केंद्र बनते होटल————–
होटल मालिकों द्वारा कानून की धज्जियां उड़ाते हुए अनैतिक कार्यों को बढ़ावा दिया जा रहा है। ये गतिविधियां सामाजिक ताने-बाने को कमजोर कर रही हैं और अपराधों में वृद्धि का कारण बन रही हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि इस प्रकार के गोरखधंधे युवा पीढ़ी को भटकाव की ओर ले जा रहे हैं।
पुलिस प्रशासन पर लगे गंभीर आरोप—————
सूत्रों के अनुसार, इन अवैध गतिविधियों को बढ़ावा देने में थाना और चौकी स्तर पर कुछ पुलिसकर्मियों की संलिप्तता की बात सामने आई है। आरोप है कि पुलिसकर्मी मोटी रकम लेकर इन होटलों की जांच-पड़ताल के नाम पर केवल औपचारिकता निभाते हैं। यहां तक कि कई मामलों में उन्होंने आंखें मूंद लेने का रवैया अपनाया है।
प्रशासन की खामोशी: बड़ा सवाल————-
हालांकि, इस मुद्दे पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस अधिकारियों की ओर से अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। सामाजिक कार्यकर्ताओं और नागरिकों का कहना है कि प्रशासन की निष्क्रियता से अपराधियों के हौसले बुलंद हो रहे हैं।
समाज के हित में सख्त कदम उठाने की मांग———-
इन अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने के लिए सख्त कार्रवाई की मांग जोर पकड़ रही है। नागरिकों ने होटल संचालकों की जांच-पड़ताल और सत्यापन प्रक्रिया को अनिवार्य करने की वकालत की है। साथ ही, ऐसे पुलिसकर्मियों के खिलाफ भी कार्रवाई होनी चाहिए, जो अपनी ड्यूटी का दुरुपयोग कर इन कृत्यों को बढ़ावा दे रहे हैं।
समाधान के लिए आवश्यक कदम——–
1.सख्त कानून लागू करना: होटलों में वैध पहचान पत्र के बिना कमरा देना गैरकानूनी घोषित किया जाए।
2.पुलिसकर्मियों पर निगरानी: भ्रष्टाचार और मिलीभगत रोकने के लिए एक स्वतंत्र निगरानी समिति गठित की जाए।
3.जनजागरूकता अभियान: समाज में नैतिकता और कानूनी जानकारी बढ़ाने के लिए जागरूकता अभियान चलाए जाएं।
4.दोषियों पर कड़ी कार्रवाई: अनैतिक गतिविधियों में शामिल होटल मालिकों और पुलिसकर्मियों को दंडित किया जाए।
यह स्थिति समाज के लिए चेतावनी है और इसके समाधान के लिए सरकार, प्रशासन और नागरिकों को मिलकर कदम उठाने की आवश्यकता है।