“मेरी पहचान”

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न सूरज है, न चाँद है
सूरज में तो ताप है, चाँद में भी दाग़ है ,
तू तो बिलकुल बेदाग़ है !
तू मेरे कलेजे का टुकड़ा,
है चाँद से सुंदर तेरा मुखड़ा !!

तू शीतल जल की धार है,
तू अमृत की बौछार है,
तुम मेरे जीवन का सार है,
तू ममता का आधार है,
तू मेरी आँख का है तारा,
तुझमें दिखता है जग सारा !

प्यारी तेरी हैं बातें,
मीठी तेरी मुस्कान है,
तू जान है, अरमान है,
तू ईश्वर का वरदान है,
तू आन है, तू मान है,
तू मेरी कोख की शान है,
तू ही मेरी पहचान है !!
तू ही मेरी पहचान है !!

– प्रियंका सोनी

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