खलीलपुर के बेटे प्रशांत सिंह का भव्य स्वागत, गाँव में उमड़ा जनसैलाब

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जौनपुर जिले के खलीलपुर गांव में उस समय खुशी का माहौल था जब गांव के लाल, प्रशांत सिंह, ने आईएएस परीक्षा में सफलता हासिल कर गांव का नाम रोशन किया। प्रशांत के आईएएस बनने के बाद जब वे अपने गांव पहुंचे तो वहां एक भव्य स्वागत समारोह का आयोजन किया गया।

गांव के स्वतंत्रता सेनानी प्रवेश द्वार पर पहले से ही सैकड़ों लोग फूल-मालाओं और ढोल-नगाड़ों के साथ उनका स्वागत करने के लिए खड़े थे। जैसे ही प्रशांत सिंह गांव पहुंचे, पूरा माहौल “प्रशांत सिंह जिंदाबाद” और “हमारा बेटा, हमारा गर्व” जैसे नारों से गूंज उठा। गांववासियों ने फूलों की वर्षा कर और माला पहनाकर प्रशांत का जोरदार स्वागत किया।

गांव में हर्षोल्लास का माहौल

प्रशांत सिंह की इस सफलता से गांव के लोगों में गर्व और खुशी का माहौल है। लोग एक-दूसरे को मिठाई खिलाकर बधाई दे रहे हैं। कई ग्रामीणों ने बताया कि प्रशांत बचपन से ही पढ़ाई में अव्वल थे और उनकी मेहनत और लगन ने आज उन्हें यह मुकाम दिलाया है।

शहरों में पढ़ाई, लेकिन गांव से भावनात्मक जुड़ाव

प्रशांत सिंह शुरू से ही शहरों में रहकर पढ़ाई कर रहे थे, जिसके चलते गांव के अधिकांश लोग उनके बारे में कम जानते थे। लेकिन उनकी इस सफलता के बाद पूरा गांव उन्हें जानने और समझने के लिए उत्सुक हो गया।

समारोह और भोज का आयोजन

गांव में प्रशांत के परिजनों ने उनके स्वागत में एक भव्य समारोह और भोज का आयोजन किया। इसमें न केवल गांव के लोग, बल्कि आसपास के क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए। इस मौके पर प्रशांत ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि उनकी सफलता में उनके माता-पिता, शिक्षकों और दोस्तों का विशेष योगदान रहा है।

गांव के युवाओं को प्रेरणा

प्रशांत सिंह ने अपने भाषण में कहा कि उनकी सफलता किसी एक व्यक्ति की नहीं, बल्कि पूरे गांव और क्षेत्र की है। उन्होंने युवाओं को संदेश दिया कि अगर वे अपने लक्ष्य के प्रति समर्पित और मेहनती रहेंगे, तो कोई भी सपना असंभव नहीं है।

गांव में विकास की उम्मीदें

प्रशांत सिंह के आईएएस बनने से गांव के लोग अब विकास कार्यों को लेकर आशान्वित हैं। लोगों का मानना है कि प्रशांत के प्रशासनिक पद पर आने से क्षेत्र में शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य बुनियादी सुविधाओं में सुधार होगा।

यह स्वागत समारोह प्रशांत सिंह और खलीलपुर गांव के लिए हमेशा यादगार रहेगा। प्रशांत ने न केवल अपने परिवार का, बल्कि पूरे गांव और जिले का नाम रोशन किया है।

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