पति समेत 5 ससुराली जन पर दहेज प्रताड़ना और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज
जौनपुर। गौराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के चौकी धरसंड गांव की एक विवाहिता को ससुराल वालों द्वारा मारपीट कर घर से निकाले जाने और गहने छीनने का मामला सामने आया है। विवाहिता की शिकायत पर पुलिस ने पति समेत पांच लोगों के खिलाफ दहेज प्रताड़ना और अन्य गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया है।
पुलिस के अनुसार, चौकी धरसंड गांव निवासी लालचंद की पुत्री सोनी की शादी 22 मई 2012 को खुटहन थाना क्षेत्र के गौसपुर गांव के निवासी संतोष कुमार के साथ हुई थी। शादी के समय सोनी के पिता ने दहेज में पर्याप्त जेवर और अन्य आवश्यक सामान दिए थे। शुरुआत में सब कुछ सामान्य था, लेकिन शादी के चार-पांच साल बाद पति संतोष के व्यवहार में बदलाव आने लगा।
सोनी ने बताया कि संतोष शराब और जुए की लत में पड़ गए और एक अन्य महिला के साथ अवैध संबंध बनाने लगे। जब सोनी ने इसका विरोध किया, तो ससुराल वालों ने उसे प्रताड़ित करना शुरू कर दिया। मामला 30 अप्रैल 2024 को गंभीर रूप ले लिया जब ससुराल वालों ने मारपीट कर सोनी को घर से निकाल दिया। इतना ही नहीं, आरोप है कि उन्होंने सोनी के गहने भी छीन लिए।
पिता को भी धमकी दी
सोनी ने बताया कि जब उसके पिता लालचंद उसके ससुराल पहुंचे और समझौते की कोशिश की, तो ससुराल वालों ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया और जान से मारने की धमकी देकर भगा दिया। इस घटना से आहत सोनी ने बुधवार को अपने पिता के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस ने की त्वरित कार्रवाई
पुलिस अधीक्षक डॉ. कौस्तुभ के निर्देश पर महिला थाना पुलिस ने संतोष कुमार (पति), कल्पनाथ (ससुर), मालती देवी (सास), सचिन कुमार (देवर) और सौरभ (देवर) के खिलाफ दहेज प्रताड़ना, गहने छीनने, मारपीट, और धमकी देने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया है।
समाज में बढ़ रही दहेज प्रताड़ना की घटनाएं
इस घटना ने समाज में दहेज प्रताड़ना और महिलाओं के खिलाफ हो रहे अत्याचारों पर फिर से ध्यान केंद्रित किया है। कानून व्यवस्था पर लोगों की उम्मीदें बढ़ गई हैं। पुलिस का कहना है कि मामले की गहन जांच की जाएगी और दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।
पीड़िता की मांग
सोनी और उसके परिवार ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है। उन्होंने दोषियों को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर सजा दिलाने और सोनी के छिने गए गहने वापस दिलाने की मांग की है।
यह घटना महिलाओं के अधिकारों और उनकी सुरक्षा की दिशा में एक बार फिर से सोचने पर मजबूर करती है। पुलिस और प्रशासन की जिम्मेदारी है कि वे ऐसे मामलों में त्वरित और सख्त कार्रवाई करें ताकि समाज में महिलाओं के प्रति हो रहे अन्याय को रोका जा सके।