पूर्वांचल लाईफ/पंकज सीबी मिश्रा, पत्रकार
जौनपुर न्यूज : अभिव्यक्ति की आजादी और फूहड़ कंटेंट ना सिर्फ समाज को दूषित रहा अपितु हास्य के नाम पर जो कुछ रियलिटी शोज में परोसा जा रहा है वह शर्मनाक है, कम से कम भारत में इसकी इजाज़त नहीं देनी चाहिए। इसमें भारत सरकार के सूचना मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय को जागना होगा। ऐसे द्विअर्थी अश्लील पॉडकास्ट और यू ट्यूब कार्यक्रमों को मनोरंजन के नाम पर माफ़ी नहीं दी जा सकती जो समाज में युवाओं का माइंड वाश कर रहे। चर्चित यू ट्यूबर रणवीर एलाहबादी अकेला नहीं है इस लिस्ट में नाम में अपूर्वा मखीजा, समय रैना, एल्विश यादव जैसे यू ट्यूबर्स की लम्बी कतार है। आप गौर कीजिए गूगल आने के बाद जहां ज्ञान का अपार भंडार घर बैठे मिल गया है, वहीं अश्लीलता का पूरा संसार भी बेपर्दा हो चला है। ओटीटी प्लेटफॉर्म ने बर्बादी की नई श्रृंखला तैयार की है। निश्चित रूप से घर घर फैले छोटे पर्दे के लिए तत्काल सेंसर बोर्ड बनाया जाए। यू ट्यूब और इंस्टाग्राम एक खतरनाक ड्रग बन चुकी है। इन दोनों और इन जैसी ऐप्स ने देश की युवा पीढ़ी को एडिक्ट कर दिया है। अनेक जानलेवा वीडियो गेम्स बचपन के शत्रु बनते जा रहे हैं। फूहड़ नंगापन क्या भारत जैसे अति प्राचीन देश में चलेगा ? सोशल मीडिया क्या इसलिए लाए हैं कि बहू बेटियां रोजाना अपने अर्धनग्न वीडियो रोजाना लाखों की संख्या में डालते रहें ? आपने देखा होगा टीवी के कार्यक्रमों का अधिकांश हिस्सा हास्य की भेंट चढ़ रहा है। अब भला सारेगामापा, इंडियन आइडल, टेलेंट शो, डांस कंपीटीशन आदि का एंकर और जजों के फूहड़ हास्य से क्या मतलब है ? कॉमेडी शोज भी आते रहते हैं। लाफ्टर शोज पर कपिल शर्मा जैसे अनेक हास्य कलाकार मौजूद हैं। तो रणवीर ऐलाहबादी जैसे तमाशबीनों की क्या जरूरत है, जो गंदी गंदी गालियों के साथ लोगों को अश्लील आपत्तिजनक हंसी परोस रहे हैं ? इस सब को तत्काल प्रतिबंधित कीजिए, पहले ही बड़ी देर हो चुकी है। इससे पहले कि इन वल्गर यू ट्यूबर्स को जनता सड़कों पर दौड़ाए, सरकार को योगी मॉडल चलाकर इनका इलाज शुरू कर देना चाहिए। जनपद के मीडिया विश्लेषक और पत्रकार पंकज सीबी मिश्रा ने कहा कि तमाम घरों की युवा पीढ़ी रील बना रही हैं। किस किस को कहेंगे, जरा अपने घरों में भी झांकिए जनाब ? क्या आपकी कोई पकड़ नहीं रही है अपने ही घर पर ? यू ट्यूब और इंस्टाग्राम यदि अभिशाप बन जाएं तो मान लीजिए कि पानी सिर के ऊपर से उतर गया है। जानकारी के लिए लाए गए ये एप्स किसी भी सूरत में अभिशाप नहीं बनने चाहिएं। सुविधा के लिए आया मोबाइल फोन अपना ही दुश्मन नहीं बनना चाहिए। भारत सहित पूरी दुनिया में फिल्म जगत मनोरंजन का सबसे बड़ा माध्यम है, फिल्म उद्योग ने अनेक ऐतिहासिक कालजयी फिल्में प्रदान की हैं। मनोरंजन का बेहद शानदार भंडार दिया है। लेकिन ओटीटी ने घर बैठे टीवी पर गालीगलौज, अश्लीलता, नग्नता, हिंसा और फूहड़ भाषा का ऐसा संसार प्रदान किया जिसने रणवीर ऐलाहबादी, एल्विश यादव, मुनव्वर, रजत जैसो की पूरी जमात तैयार कर दी। टीवी के बिग बॉस जैसे कार्यक्रम भी इसमें शामिल हैं। एकता मार्का धारावाहिक समाज को टॉक्सिक बना रहे हैं, जागने की जरूरत है।