टीलाराम सिंधल बिबलसर।
जालौर – गणपतसिंह माण्डोली की हत्या का खुलासा करने में पुलिस की विफलता के खिलाफ। लगभग दो महीने बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं, जिससे लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। इस धरने में 24 गांवों के सिरदार अपने-अपने गांव की बारी के अनुसार शामिल हो रहे हैं। आज दसवें दिन मुन्थलाकाबा और तवाव के सिरदारों ने कलेक्ट्रेट पर धरना दिया। वाडका गोगे, गोलका और तातोल गांव के ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में धरने में भाग लिया और छैलसिंह गोलका और भंवरसिंह वाडका के नेतृत्व में कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाते हुए कड़ी निंदा की और कहा कि पुलिस हत्यारों का खुलासा नहीं कर रही है, जबकि पुलिस को सब पता है लेकिन खुलासा करना नहीं चाहती। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर हत्यारों का खुलासा नहीं होता है, तो प्रदेश स्तर पर महा आंदोलन किया जाएगा, जिसकी समस्त जिम्मेदारी जिला प्रशासन और सरकार की होगी। इस धरने में रणजीतसिंह वाडका, भंवरसिंह वाडका, लाखसिंह वाडका, हीमसिंह वाडका, गंगासिंह वाडका, देवीसिंह तातोल, मोडसिंह तातोल, छैलसिंह तातोल, अर्जुनसिंह महेशपुरा, अभयसिंह गोलका, शम्बुसिंह गोलका, दलपतसिंह गोलका, शैतानसिंह गोलका, गंगासिंह गोलका, नैनसिंह गोलका, रणजीतसिंह गोलका, उम्मेदसिंह गोलका, शेरसिंह गोलका, मिथुनपालसिंह गोलका, सुमेरसिंह गोलका, तेजसिंह गोलका, अरविन्दसिंह गोलका, छोटूसिंह गोलका, देवीसिंह गोलका, बाबुसिंह गोलका, नेपालसिंह गोलका, अमरसिंह गोलका, विजयसिंह गोलका, महेन्द्रसिह गोलका, जोतूसिंह गोलका सहित 36 कुम के सैकड़ों लोग मौजूद थे।