परिवार में एक के बाद एक हत्या से लोग खौफजदा, छोटे भाई की भी हत्या का सता रहा है भय
बेख़ौफ बदमाशों ने दिन दहाड़े युवक पर गोलियों की बौछार कर उतार मौत के घाट, भीड़ बनी तमाशबीन
जौनपुर। सरायख्खाजा थाना क्षेत्र अंतर्गत कयार गाँव में उस समय अफरा तफरी मच गई जब लबे सड़क चौराहे पर मंगलवार की शाम बेख़ौफ बदमाशों ने अब्दुल्ला पुत्र एजाज़ पर दिनदहाड़े गोलियों की बौछार करने के बाद देखा की अभी अब्दुल्ला की सांस चल रही हैं तो बालू उठाने वाले लोहे के बेलचे से पीट-पीटककर बेरहमी से हत्या कर हत्यारे बड़े आराम फरार हो गयें। हत्या की सूचना मिलते ही पुलिस बल मौके पर पहुँच गई और अब्दुल्ला की लाश को कब्जे में लेकर हत्यारों की तलाश में जुट गयी। बता दें कि अब्दुल्ला के पिता ऐजाज अहमद की हत्या को मात्र 71वें दिन हुआ था कि बेख़ौफ बदमाशों ने पिता के बाद पुत्र अब्दुल्ला पर ताबड़तोड़ गोलियों की बौछार करने के बाद लोहे के बेलचे से पीट-पीटककर बेरहमी से हत्या कर दिया। अब्दुल्ला के पिता की हत्या में सजा काटकर 15 दिन पहले ही जेल से छूटकर बाहर आएआरोपपियों ने फिर से एक और हत्या को बेख़ौफ होकर अंजाम दे डाला। घटना के दो दिन पहले हत्यारो का एक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमे यह स्पष्ट लिखा हुआ है कि अबकी दो विकेट गिरी। इसका मतलब यह लगाया जा रहा है कि अभी दो और हत्या किए जाने की धमकी का मैसेज मिल रहा था जिसके फलस्वरूप अब्दुल्ला की निर्मम हत्या हो गई। बता दें कि अब्दुल्ला की हत्या के मात्र दो दिन पूर्व 28 जुलाई 2024 को मृतक के छोटे भाई अब्दुल रहीम द्वारा स्थानीय थाना पर तहरीर दी गई थी कि वह 27 जुलाई 2024 को ट्रैक्टर से खेत जोतकर रात्रि 09:30 बजे अपने घर लौट रहा था तभी बिना नम्बर प्लेट की स्पेलेन्डर बाइक पर सवार होकर राहत अली पुत्र याकूब व रेहान पुत्र मोहम्मद सलाम दोनों ने उसे रास्ते में रोककर माँ बहन की भद्दी भद्दी गालियाँ देते हुए रहीम का कालर पकड़ कर बोले कि जैसे तुम्हारे पिता ऐजाज का वीकेट गिरा है व हत्या हुई हैं वैसे तुम्हारी भी हत्या कर दूंगा और जाते हुए वो लोग जान से मारने व पिता की हत्या का मुकदमा उठा लेने की धमकी देते हुए चले गये, मृतक अब्दुल्ला के भाई द्वारा दी गई तहरीर में यह भी लिखा गया था कि उसके पिता ऐजाज की हत्या के आरोपी पन्द्रह दिन पहले ही जेल से छुटकर आये है, जो हमारे पिता ऐजाज के हत्या के जुर्म में कारागार में बंद थे। उसके पश्चात स्थानीय पुलिस ने एनसीआर दर्ज कर महज खानापूर्ती करते हुए इतने गंभीर प्रकरण में नजर अंदाज किया जिसका खामियाजा अब्दुल रहीम और उसके परिवार को भोगना पड़ा कि अब्दुल्ला को हत्यारों ने बेरहमी से मौत के घाट उतार दिया।
बताया जा रहा है कि अब्दुल्ला दोपहर बाद कयार चौराहे से सामान लेकर घर आ रहा था कि उसका पीछा कर रहे बेख़ौफ बदमाशों ने अब्दुल्ला पर ताबड़तोड़ कई राउंड गोलियां चालाई गई जिससे बाद भी उसकी सांस चल रही थी यह देख कुख्यात हत्यारे ने बालू उठाने वाले लोहे के बेलचे से उस पर कई वार किया जिसके कारण उसकी मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गयी। गोली की तडतडाहट से आस पास एवं चौराहे परम्परागत अफरातफरी मच गयी लोग दूकान बंद कर भाग निकले। पुलिस के मौके पर पहुचते ही भारी संख्या में भीड जमा हो गयी। पिता पुत्र दोनों की हत्या से परिवार पर माने कोई ब्रज गिर गया हो। अब पूर्व का एक गम दूर भी नहीं हुआ था कि फिर परिवार में एक और सदस्य की निर्मम हत्या से गमी का माहौल हो गया है। इस घटना से पूरे गाँव में सन्नाटा पसरा हुआ है। वहीं जिला अस्पताल पहुंची मृतक की बहन प्रधानमंत्री से भी गुहार लगाई हैं और उसका कहना था कि उसके भाई ने खुले रूप से मोदी को वोट दिया था जिसका परिणाम ये है कि गांव के ही यादव लोगों ने उसके भाई की बेरहमी से हत्या कर दी है।
तस्वीरों में साफ देखा जा सकता है कि किस प्रकार हमलावर बेखौफ होकर गोली मारने के बाद युवक अब्दुल्ला को बेरहमी से पीट-पीटकर उसकी हत्या की जाती है जिसके बाद हमलावर आसानी से फरार हो जाते हैं। वही हत्या की घटना के संबंध में जानकारी देते हुए अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण शैलेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि सरायख्वाजा अंतर्गत ग्राम कयार निवासी अब्दुल्ला पुत्र एजाज अहमद कयार बाजार से घर वापस जा रहे थे कि इसी दौरान मोटर साइकिल सवार 03 बदमाशो के द्वारा फायर किया गया जिससे उनकी मृत्यु हो गयी। सूचना पर थाना पुलिस द्वारा तत्काल मौके पर पहुच कर शव को कब्जे में लेकर पंचायत नामा पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। बदमाशों को पकड़ने के लिए टीम गठित कर दी गई है अग्रिम विधिक कार्यवाही प्रचलित है। एक तरह जहां उत्तर प्रदेश योगी सरकार अपराधियों पर नकेल करने के लिए कानून व्यवस्था चुस्त दुरुस्त बनाए रखने के लिए अधिकारियों को शक्त निर्देश दे रही है तो वहीं दूसरी तरफ जौनपुर जिले में अपराधियों पर इसका कोई असर नहीं दिखाई दे रहा है अपराधियों में पुलिस का कोई भी भय नहीं है, तभी तो दिनदहाड़े अपराधी हत्या जैसे जघन्य अपराध को अंजाम देकर फरार हो जा रहे हैं और पुलिस हवा में तीर मारती नजर आ रही है जबकि हत्यारों के बारे में पीड़ित पक्ष द्वारा पुलिस को पहले भी जानकारी दी गई लेकिन पुलिस ने समय रहते इस पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की जैसा कि जैसा परिवार वालों का आरोप है यदि पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई की होती तो आज मृतक अब्दुल्ला जीवित होता। इससे साफ जाहिर होता है कि जौनपुर पुलिस पर सूबे के मुखिया योगी आदित्य नाथ के आदेश का कोई असर नहीं है।