जौनपुर : उत्तर प्रदेश विश्वविद्यालय महाविद्यालय शिक्षक महासंघ अर्थात फुफुक्टा नें उच्च शिक्षा निदेशालय प्रयागराज के समक्ष शिक्षक हित के कई मुद्दों को लेकर विशाल धरना प्रदर्शन किया। फुफुक्टा की तरफ से बुधवार 31 जुलाई को किए गए इस धरना प्रदर्शन में प्रदेश भर के अनुदानित महाविद्यालयों के शिक्षकों और फुफुक्टा के पदाधिकारीयों नें भाग लिया तथा ज्ञापन के माध्यम से अपनी विभिन्न मांगे रखी। प्राप्त जानकारी के अनुसार जनपद के मिडिया विश्लेषक और पत्रकार पंकज सीबी मिश्रा नें बताया कि जौनपुर के विभिन्न महाविद्यालयों से भी सैकड़ो शिक्षक प्रदर्शन स्थल पर पहुंचे जिनमें टीडी पीजी कॉलेज जौनपुर, कुटीऱ पीजी कॉलेज चक्के, मड़ियाहू पीजी कॉलेज समेत अन्य अनुदानित महाविद्यालयों के शिक्षक मुख्य रहें। प्राप्त सूचना के अनुसार शिक्षक संगठन फुफुक्टा नें पुरानी पेंशन बहाली, अवकाश उम्र 65 वर्ष किए जाने, पीएचडीधारी शिक्षकों को लगातार पांच इन्क्रीमेंट मुहैया कराये जाने, शिक्षकों के हितों के अन्य कुल 26 मांगो को एक पत्रक के माध्यम से उच्च शिक्षा निदेशक को सौपा और चेतावनी दी की यदि मांगपत्र पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया तो शीघ्र ही पूरे प्रदेश का घेराव कर भारी विरोध प्रदर्शन कराया जायेगा। प्रयागराज में एकत्रित बड़ी मात्रा में विभिन्न विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के शिक्षको के हुंकार पर प्रशासन मुस्तैद दिखा। इस अवसर पर जौनपुर पूर्वांचल विवि के महाविद्यालय शिक्षक संघ अध्यक्ष डॉ राहुल सिंह, महामंत्री डॉ शैलेन्द्र सिंह सहित तमाम पदाधिकारी अपने शिक्षक साथियों सहित प्रदर्शन स्थल पर डटे रहें। टीडी पीजी कॉलेज से भी कई शिक्षकों नें धरना प्रदर्शन में प्रतिभाग कर मांगो का पुरजोर समर्थन किया जिनमें डॉ वीके त्रिपाठी, डॉ आशुतोष मिश्रा, डॉ देवब्रत मिश्र, डॉ अजय, डॉ नरेंद्र, डॉ एस के सिंह, डॉ अनूप सिंह, यूपी कॉलेज वाराणसी से डॉ वीके सिन्हा, डॉ संजय श्रीवास्तव, डॉ निगम इत्यादि मुख्य रहें। टीडी कॉलेज के शिक्षको नें पत्रकार वार्ता में कहा कि ज़ब राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और रेगुलेशन 2018 पूरे देश में एक समान पाठ्यक्रम और नियम लागू कर रहा तो फिर देश भर के सभी राज्यों के शिक्षकों के लिए एक नियम और लाभ क्यों नहीं ! आज शिक्षक हितों को हाँसीए पर रखा जा रहा और अब अगर शिक्षकों के साथ अन्याय हुआ तो यह बर्दास्त के बाहर होगा। फुफुक्टा के पदाधिकारीयों नें कहा कि हमारी सभी मांग जायज है और इसे यथाशीघ्र प्रदेश सरकार के सामने प्रस्तुत कर मध्य प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़ राज्यों जैसे सुविधाएं और लाभ यूपी के शिक्षकों को भी मिलना चाहिए। आपको बता दें कि कई केंद्रीय विश्वविद्यालयों और उनसे संबंधित महाविद्यालयों में रिटायरमेंट कि आयु 65 वर्ष है और अन्य राज्यों में पुरानी पेंशन व्यवस्था भी सुधारो के साथ लागू है। फुफुक्टा नें कहा यूपी के विवि और महाविद्यालयों के शिक्षकों के साथ सौतेला व्यवहार अब कत्तई बर्दास्त नहीं होगा।
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