होम्योपैथिक फार्मासिस्ट भर्ती के लिए जूझ रहे छात्र-छात्राओं की पेट की अनिवार्यता खत्म करने की मांग

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पेट अनिवार्यता खत्म होने से समुचित छात्र-छात्राओं को मिलेगा लाभ

“पूर्वांचल लाइफ जौनपुर”

होम्योपैथिक फार्मासिस्ट की तैयारी कर रहे छात्र-छात्राओं ने अपनी समस्या को आयुष खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को पत्र लिखकर जानकारी दिया है कि हम सभी होम्योपैथिक डिप्लोमा धारी छात्र विगत 5 वर्षों से फार्मासिस्ट भर्ती का इंतजार कर रहे थे। परंतु भर्ती विज्ञापन में पेट को अनिवार्य किए जाने से सभी छात्रों में घोर निराशा है जो सरकार से नाराजगी जताते हुए यह मांग किया है कि पेट की अनिवार्यता अगर हटा दी जाती है तो 35000 फार्मासिस्ट की लगभग संख्या है जबकि पेट को लागू करने की बाद एक पद की सापेक्ष दो या तीन छात्र ही उपयोगिता रखते हैं। जिससे बाकी की भविष्य पर होम्योपैथिक फार्मासिस्ट की भर्ती पर रोक लग रहा है! जिससे बेरोजगारी बढ़ाने का डर है अगर सरकार इन छात्र-छात्राओं की मांग को स्वीकार कर ले तो सभी योग्य छात्र-छात्रा भाग ले सकते हैं और अच्छी दिशा में होम्योपैथी डिप्लोमा से लाभ प्राप्त होगा! जिस पर माननीय मंत्री आयुष खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन को पत्र लिखकर यह जानकारी दी गई है। जो इस प्रकार हैं 👇🏼

सेवा में,
मा. मंत्री जी (आयुष’ खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन)
विषय- होम्योपैथिक फर्मासिस्ट भर्ती मुख्य परीक्षा से पेट की अनिवार्यता खत्म करने के सम्बंध में।

महोदय,
हम सभी हो० डिप्लोमाधारी छात्र विगत 5 वर्षों से फर्मासिस्ट भर्ती का इंतजार कर रहे थे, परन्तु भर्ती विज्ञापन में पेट को अनिवार्य किए जाने से सभी छात्रों में घोर निराशा है। आलम यह है कि होम्योपैथी मेडिसिन बोर्ड में पंजीकृत फर्मासिस्ट की संख्या लगभग 35 हज़ार है, जबकि पेट को लागू करने के बाद 1 पद के सापेक्ष 2 या 3 छात्र ही उपयोगिता रखते हैं। अतः आपसे निवेदन है कि हम सभी छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुवे भर्ती परीक्षा से पेट की अनिवार्यता खत्म की जाए जिस से सामान रूप से सबको मौका मिल पाए।
आप की महान कृपा होगी।

                     भवदीय
                 हो० डिप्लोमा संघ

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