मई महीने का जीतने वाला 10 दिन मिला-जुला रहा जबकि अप्रैल के अंतिम सप्ताह में भयानक गर्मी 45 डिग्री सेल्सियस पार कर गई थी जिसमें 5 / 6 दिनों तक गर्मी कम पडी लेकिन 13 मई से लेकर 23 मई तक और फिर दो-तीन दिन थोड़ी कम गर्मी के बाद मई के अंत तक प्रचंड भयानक और सारे कीर्तिमान को तोड़ देने वाली त्वचा झुलस देने वाली शरीर को जला देने वाली खून को खौला देने वाली गर्मी पड़ने जा रही हैं जिसमें सारे एसी कूलर पंखा सब फेल हो जाएंगे और गर्मी बिजली कितना रहने पर नाजुक हो गए मानव जाति के लिए घातक हो जाएगी इसलिए अभी से सावधान हो जाएं।
13 मई को तापमान 42 डिग्री 14 मई को 43 डिग्री 15 मई को 44 डिग्री सेल्सियस पार हो जाएगा और 16 से 20 मई तक महा भयंकर गर्मी जिसमें तापमान 45 से 47 डिग्री सेल्सियस उच्चतम स्तर पर पहुंच जाएगा जबकि न्यूनतम तापमान 27 डिग्री सेल्सियस से 30 डिग्री सेल्सियस बना रहने से गर्मी और भी बढ़ जाएगी।
13 मई से 15 मई तक पूर्वी उत्तर पूर्वी हवाएं चलेंगी जिस नमी और गर्मी पसीना भयंकर रहेगा 15 मई से हवा की दिशा बदलकर पछुवा हो जाएगी और प्रचंड गर्मी अपने चरम शिखर पर पहुंच जाएगी और तापमान 47 डिग्री के महा भयंकर स्तर को भी पार कर सकता है।
इसी बीच प्रदूषण की अत्यधिक मात्रा वायु के कणों में पीएम 2.5 और पी म 10 के अधिक होने से प्लास्टिक और कूरा कचरा का ढेर लगने से हरियाली और जंगल तथा पेड़ पौधों के न होने से चारों तरफ फैले हुए कंक्रीट और सीमेंट के जंगल दहकती हुई भट्टी बन जाएंगे और चारों ओर हाहाकार मच जाएगा 23 मई से 27 मई के बीच मौसम में थोड़ी सी राहत मिलेगी और अधिकतम तापमान घटकर 40 से 42 डिग्री सेल्सियस आ जाएगा लेकिन जल्दी ही फिर से गर्मी चरम पर पहुंच जाएगी।
13 में से लेकर 31 में के बीच संपूर्ण भारत उत्तर दक्षिण पूरब पश्चिम और मध्य प्रचंड कल्पना से पड़े कीर्तिमान बनाने वाली गर्मी से झूलता रहेगा और भारत के कई स्थानों में तापमान 48 डिग्री सेल्सियस से 51 डिग्री सेल्सियस के अधिकतम स्तर को पार कर जाएगा।
दक्षिण भारत के पत्थरों पर आंध्र तेलंगाना महाराष्ट्र उड़ीसा मा गुजरात राजस्थान मध्य प्रदेश बिहार झारखंड छत्तीसगढ़ बंगाल उत्तर प्रदेश पंजाब हरियाणा राजस्थान दिल्ली यहां तक की पहाड़ी क्षेत्रों में जम्मू और उत्तराखंड के आधे भाग भीषण और प्रचंड गर्मी की मार से बुरी तरह आक्रांत रहेंगे इस कालखंड में दो-तीन बार आंधी तूफान प्रचंड हवाएं चलेंगे और एक दो बार हल्की बूंदाबादी वर्ष भी गलत चमक के साथ होगी लेकिन यह भी इस गर्मी के वेग को रोक नहीं पाएंगे कुल मिलाकर यह कालखंड पूरे भारत जौनपुर और उत्तर प्रदेश के लिए दिन में ही तारे दिखा देने जैसा होगा।
पृथ्वी के स्वर्ग कश्मीर से समुद्र के स्वर्ग कन्याकुमारी वर्षा और हरियाली के स्वर्ग आश्रम चेहरा पूंजी की पहाड़ियों से लेकर वीरता और शुष्कता के स्वर्ग राजस्थान में हाहाकार मच जाएगा इस समय सूर्य पर हो रहे प्रचंड विस्फोट और उससे निकलने वाली लाखों किलोमीटर लंबी सौर ज्वाला है और सौर कलंक तथा विद्युत चुंबकीय रेडिएशन धरती पर हाहाकार मचा देंगे भारत ही नहीं अपितु तिब्बत चीन संपूर्ण अफ्रीका 90 प्रतिशत यूरोप और आधे अमेरिका और विषुवत रेखा भागों पर इसका भयानक प्रभाव पड़ेगा इसके प्रभाव से केवल टुंड्रा कनाडा ग्रीनलैंड अंटार्कटिका न्यूजीलैंड और दक्षिण अमेरिका तथा दक्षिण अफ्रीका बच पाएंगे।
इस कालखंड में विश्व के अनेक भागों विशेष कर हिंद और प्रशांत महासागर में ज्वालामुखी विस्फोट भयानक भूकंप सुनामी लहरों के और अमेरिका यूरोप एशिया के कई खंड में भयानक चक्रवात बवंडर आंधी तूफान आने की भयानक आग लगने की घटनाएं घटित होंगे और यह कम आने वाले समय में भी रुकने वाला नहीं है क्योंकि आज का पढ़ा लिखा वैज्ञानिक मानव वह सब कुछ कर रहा है जिस धरती पर ग्रीन हाउस इफेक्ट और ओजोन की परत में वृद्धि हो इसलिए आगे आने वाले वर्षों में स्थित विनाशकारी होगी।
“डॉक्टर दिलीप कुमार सिंह” मौसम विज्ञानी ज्योतिष शिरोमणि और निर्देशक अलका शिप्रा वैष्णवी ज्योतिष मौसम विज्ञान अनुसंधान केंद्र।