उत्तर प्रदेश/जौनपुर
नगर के लाइन बाजार थाना क्षेत्र अंतर्गत धन्नेपुर चौराहा स्थित बिना बोर्ड का एक ऐसा कार्यालय खुला हैं जिसके बारे में लोगों द्वारा बताया जा रहा हैं कि भारी संख्या में युवक और युवतियों को ट्रेनिंग के उपरांत नौकरी और ढेर सारे रुपये कमाने का ऐसा सुनहरा सपना दिखाते हुए बहला फुसला कर अपने जाल में फसाने का गोरखधंधा चल रहा है। बताते चलें कि जहाँ एक तरफ प्रदेश सरकार द्वारा चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी योजना जहाँ महिला सुरक्षा अभियान, मिशन शक्ति, दीदी अभियान एवं एंटी रोमियो ने जैसे जागरूकता कार्यक्रमों को लेकर शिविर लगाकर महिलाओं एवं युवतियों को जागरूक किया जा रहा हैं, तो वहीं दूसरी तरफ दवा बेचने एवं नौकरी व ट्रेनिंग के नाम पर गैर जनपद की युवतियों का शोषण करने का एक मामला प्रकाश में आया है, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा हैं।
सूत्रों के हवाले से प्राप्त जानकारी अनुसार 19 दिसम्बर 2023 को उक्त कम्पनी के झांसे में बस्ती जिले की दो युवतियाँ फंस गई थीं, जो वहां से किसी तरह भाग कर अपने घर पहुँची, जिनका काल्पनिक नाम छुटकी और समराही हैं, जिन्होंने बताया कि वह दोनों किसी तरह ठगों की गैंग के दलदल से बाहर निकलने के बाद कम्पनी के नाम पर चल रहे ठगी के गोरखधंधे का खुलासा किया है, उन्होने बताया हम लोगों को धन्नेपुर स्थित एक कार्यालय में दवा की मार्केटिंग के नाम पर बतौर पन्द्रह हजार रुपए माह के वेतन का लालच देकर उक्त कम्पनी में काम करने के लिए कम्पनी के लिए काम करने वाली एक युवती के जरिए 13 दिसम्बर को बुलाया गया था। पीड़ित युवतियों ने बताया कि 14 दिसम्बर 2023 को धन्नेपुर चौराहा निकट एक कार्यालय में इंटरव्यू लेते हुए हम लोगों को नौकरी पर रखा गया था।
वहीं सवाल यह उत्पन्न हो रहा हैं कि उक्त कम्पनी वाले यह कैसी नौकरी दे रहे हैं जो नौकरी पर रखने के बाद जहाँ काम कुछ नहीं, बल्कि उल्टा झांसे में फसाई गई गैर जनपद की युवतियों से बीस हज़ार रुपये वसूलने का मामला बताया जा रहा हैं जहाँ दवा बेचने के नाम पर उन्हें ठगा जा रहा हैं। पीड़ित युवतियों ने यह भी बताया है कि जो युवती उक्त कम्पनी वालो को रुपये नहीं देती हैं तो उन युवतियों का भोजन पानी बंद कर दिया जाता हैं। वहीं सबसे सबसे महत्वपूर्ण सवाल यह उत्पन्न होता है कि नौकरी और ट्रेनिंग के नाम पर आखिर क्यों युवतियों को अलग-अलग कमरे में रखा जाता हैं, जो अपने में हैं एक बड़ा सवाल है? वहीं दोनों युवतियों ने यह भी बताया कि इस प्रकार की घटना का शिकार वही दोनों नहीं बल्कि उन दोनों की अन्य भी कई युवतियाँ हैं जो अभी भी उन ठगों के चंगुल में फसकर ठगी के साथ शोषण का शिकार हो रही हैं।
इस प्रकार से नगर के एक क्षेत्र में एक प्रकार से ठगी का गोरखधंधा सरेआम चलना प्रदेश सरकार के नारी शक्ति, महिला सुरक्षा अभियान व अपराध मुक्त देश की मंशा पर पानी फेरने जैसा प्रतीत होता है।
(1)-यदि कम्पनी द्वारा किसी प्रकार का कोई पंजीकरण कराया गया है तो संस्था का बोर्ड कार्यालय के बाहर क्यों नहीं लगा ?
(2)-कम्पनी में कितने युवक/युवतियाँ हैं उसका ब्योरा सम्बन्धित विभाग में दर्ज होता है कि नही ?
(3)-कम्पनी में काम कर रहे युवक/युवतियों को क्या वेतन दिया जाता है इस बात का कोई रिकार्ड कहीं दर्ज है कि नही? क्या कभी इसकी जाँच हुई ?
(4)-कम्पनी के आय और व्यय के ब्योरा से सम्बन्धित सरकार को किसी प्रकार का कोई टैक्स दिया जा रहा है कि नही ?
(5)-कम्पनी को सालाना कितने रुपये का मुनाफ़ा होता हैं और कितना रुपया सरकार को टैक्स दिया जाता है, टैक्स दिया जाता है कि नही?
(6)-यदि कम्पनी में भारी संख्या में युवक युवतियाँ काम करती हैं क्या किसी हादसें के दृष्टिगत अग्नि शमन यंत्र की एनओसी लिया गया हैं कि नहीं?
(7)-सवाल यह नहीं है कि किसी संस्था ने किसी प्रकार का पंजीकरण कराया है कि नही, सवाल यह है की उक्त संस्था द्वारा मानक का पूर्ण पालन किया जा रहा हैं कि नहीं?