भांवरकोल (गाजीपुर)। गंगा नदी के बढ़ते जलस्तर ने भांवरकोल क्षेत्र में बाढ़ का गंभीर खतरा पैदा कर दिया है। नदी का पानी अब गांवों और खेतों में घुसने लगा है, जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। प्रशासन अलर्ट मोड में है और राहत कार्यों को तेज़ी से अंजाम दिया जा रहा है।
SDM ने किया बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण
उपजिलाधिकारी डॉ. हर्षिता तिवारी ने रविवार को शेरपुर और सेमरा घाटों का दौरा किया और वहां की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने बाढ़ प्रभावित ग्रामीणों से मुलाकात कर उन्हें हरसंभव सहायता का भरोसा दिया। प्रशासन की ओर से अस्थाई राहत शिविर स्थापित किए गए हैं और आपात स्थिति में नावों की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।
संपर्क टूटा, गांव जलमग्न
बढ़ते जलस्तर के चलते शेरपुर कला, मुबारकपुर निषाद बस्ती, धर्मपुरा, माघी, पच्चासी और फिरोजपुर जैसे तटवर्ती गांव पूरी तरह से पानी से घिर चुके हैं। इन गांवों का तहसील मुख्यालय से संपर्क कट गया है। भांगड़ नाले के जरिए पानी मैदानी इलाकों में फैलने लगा है।
किसानों की मेहनत पर पानी फिरा
बाढ़ का सबसे बुरा असर किसानों पर पड़ा है। सैकड़ों बीघा में लगी परवल, मिर्च, टमाटर, करैला, लौकी आदि फसलें पानी में डूबने लगी हैं। इससे किसानों में गहरी निराशा है। ग्रामीणों ने चिंता जताई है कि यदि जलस्तर और बढ़ा, तो करईल क्षेत्र भी बाढ़ की चपेट में आ जाएगा, जिससे अपार आर्थिक क्षति होगी।
प्रशासन सतर्क, लोगों से की अपील
प्रशासन ने राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमें तैनात कर दी हैं। लोगों से सतर्क रहने और प्रशासन का सहयोग करने की अपील की गई है। जलस्तर पर नजर रखने के लिए गंगा घाटों पर निगरानी और निगरानी दल सक्रिय हैं।