उत्तर प्रदेश/जौनपुर
देशभर में मोबाइल और व्हाट्सएप हैकिंग के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं, जो अब एक गंभीर राष्ट्रीय समस्या का रूप ले चुके हैं। किसी का फोन या व्हाट्सएप हैक होना केवल तकनीकी चोरी नहीं, बल्कि निजता पर सीधा हमला है। हर आम आदमी के फोन में निजी तस्वीरें, बैंक से जुड़े विवरण, परिवार के अहम नंबर और व्यक्तिगत संवाद मौजूद होते हैं। ऐसे में हैकिंग की घटना सिर्फ डाटा चोरी नहीं, बल्कि भावनात्मक और आर्थिक अपराध भी बन जाती है।
हालांकि साइबर पुलिस समय-समय पर शातिर हैकरों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है, लेकिन अपराध की यह श्रृंखला लगातार जारी है। हर दिन नए तरीके और तकनीक से ये हैकर लोगों की सुरक्षा को भेद रहे हैं, जो देश की साइबर सुरक्षा प्रणाली पर भी सवाल खड़े करता है।
विशेषज्ञों का कहना है कि इन मामलों में कठोर साइबर कानून और तेज़ कार्रवाई बेहद ज़रूरी हो गई है। यदि समय रहते इनपर नकेल नहीं कसी गई, तो आने वाले समय में हर नागरिक की गोपनीयता और वित्तीय सुरक्षा खतरे में पड़ सकती है।
अब समय आ गया है कि सरकार, साइबर एजेंसियां और आम नागरिक मिलकर इस चुनौती का सामना करें, ताकि कोई भी व्यक्ति इन साइबर अपराधियों का शिकार न बने।