नरसी राम परमार ने पेश की ईमानदारी की मिसाल, लावारिस बैग लौटाकर बने समाज के हीरो
सरनाऊ।
जब समाज में नैतिक मूल्यों की कमी की चर्चा होती है, तब कुछ लोग ऐसे सामने आते हैं जो अपनी सच्चाई और ईमानदारी से उम्मीदें जगा देते हैं। गुन्दाऊ गांव के निवासी नरसी राम परमार (मेघवाल) ने कुछ ऐसा ही उदाहरण पेश किया।
घटना गुरुवार दोपहर की है। नरसी राम अपने रोजमर्रा के काम से जा रहे थे, तभी उन्हें सड़क किनारे एक लावारिस बैग दिखाई दिया। जब बैग खोला गया तो उसमें करीब 1 लाख रुपये मूल्य के 5 एंड्रॉइड मोबाइल फोन मिले।
कई लोग ऐसे मौके पर निजी लाभ की सोच सकते थे, लेकिन नरसी राम ने इंसानियत और ईमानदारी को प्राथमिकता दी। उन्होंने तुरंत बैग के असली मालिक की तलाश शुरू की। कुछ ही समय में यह पता चला कि बैग गुन्दाऊ के मोबाइल दुकानदार महेन्द्र कुमार राठौड़ का है।
नरसी राम ने ग्रामवासी दलपत सिंह सोलंकी की उपस्थिति में बैग उसके मालिक को सौंप दिया।
महेन्द्र कुमार राठौड़ ने बैग वापस मिलने पर राहत की सांस ली और कहा:
“मोबाइलों की डिलीवरी आज ही करनी थी। यदि बैग नहीं मिलता तो बड़ा नुकसान हो सकता था। नरसी राम और दलपत सिंह का दिल से आभार।”
इस नेक काम की खबर जैसे ही गांव में फैली, गांव के लोगों ने नरसी राम की भूरी-भूरी प्रशंसा की। सोशल मीडिया पर भी यह घटना वायरल हो गई है और लोग उन्हें “ईमानदारी की मिसाल” कह रहे हैं।
ग्राम पंचायत गुन्दाऊ के प्रतिनिधियों ने भी नरसी राम परमार और दलपत सिंह सोलंकी को सार्वजनिक रूप से सराहते हुए कहा:
“ऐसे लोग समाज की रीढ़ होते हैं, जो सत्य, ईमानदारी और नैतिकता को जीवित रखते हैं।”
संदेश स्पष्ट है – सच्चाई अब भी जिंदा है!
नरसी राम परमार जैसे व्यक्तित्व न केवल प्रेरणा हैं, बल्कि इस बात का प्रमाण भी कि अच्छाई अभी भी हमारे आस-पास मौजूद है, बस पहचानने की देर है।