काशी के ज्ञानवापी में भी घंटे और आरती की ध्वनि गूंजी

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रिपोर्ट – पंकज कुमार मिश्रा

अयोध्या के ऐतिहासिक राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब लोग काशी और मथुरा में भी न्याय की आस लगाए बैठे है।जनपद जौनपुर मिडिया के पत्रकार और हमारे खास सहयोगी पंकज कुमार मिश्रा ने राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के बाद प्रतिक्रिया दी थी और कहा था कि अयोध्या में प्रभु की घर वापसी हो गई अब भोलेनाथ और भगवान कृष्ण भी अपने अपने मूल स्थान पर विराजमान हो जाए तो अंतरात्मा और सनातन दोनों तृप्त हो जाए।उन्होंने ज्ञानवापी पर निर्णय आने के बाद कहा कि व्यासजी के तहखाने में 30 साल बाद पूजा शुरू हो गई है। यह बाबा के आगमन का शुभ संकेत है।ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर में गुरुवार तड़के पूजा की गई।मस्जिद में बने व्यास जी के तहखाने में विश्वनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी ओम प्रकाश मिश्र और गणेश्वर द्रविड़ ने ब्रह्मम बेला में पूजा करवाई। विधि विधान से मंगला गौरी की आराधना की गई।31 साल बाद ज्ञानवापी परिसर में पूजा दोबारा शुरू की गई है।नवंबर 1993 में में वहां पूजा रोककर बैरिकेडिंग की गई थी।वाराणसी कोर्ट ने बुधवार को व्यास तहखाने में हिंदुओं को पूजा करने की अनुमति दी थी। इसी के बाद रात में ही इंतजाम कर बैरिकेडिंग हटाई गई और पूजा की व्यवस्था की गई। कोर्ट के आदेश के बाद ज्ञानवापी परिसर से बैरिकेडिंग हटी। काशी विश्वनाथ ट्रस्ट बोर्ड के पुजारी ने पूजा-अर्चना कर हर हर महादेव का जयघोष किया। व्यासजी के तहखाने तक रास्ता बनाकर पूजा कराई गई। पूजा के बाद परिसर में मौजूद भक्तों को प्रसाद दिया गया। व्यासजी के तहखाने में अब रोजाना मंगला आरती होगी।ज्ञानवापी परिसर और आसपास बड़ी संख्या में फोर्स लगी है। नंदी के सामने से हटाई गई है लोहे की बैरिकेडिंग।

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