पेड़ लगाओ, जीवन बचाओ: शिवगढ़ के बच्चों ने दिया पर्यावरण संरक्षण का संदेश

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प्रयागराज, शिवगढ़।
“हरियाली ही खुशहाली है” — इसी संकल्प को साकार करने की दिशा में शुक्रवार को कन्या पूर्व माध्यमिक विद्यालय, शिवगढ़ में एक प्रेरक पहल देखने को मिली। अथर्वन संस्था के सौजन्य से यहां वृक्षारोपण एवं पर्यावरण जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया, जिसमें नन्हें-मुन्नों ने पूरे जोश और उमंग के साथ भाग लिया।

प्रधानाचार्या मंजू त्रिपाठी के नेतृत्व में आयोजित इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि यदि बच्चों को सही दिशा दी जाए, तो वे पर्यावरण की रक्षा में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। बच्चों ने न केवल पौधे लगाए बल्कि पर्यावरण प्रदूषण और प्लास्टिक के दुष्परिणामों को भी गंभीरता से समझा।

कार्यक्रम में बच्चों को यह बताया गया कि प्लास्टिक का अत्यधिक उपयोग कैसे हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है और इसे कैसे हम छोटे-छोटे बदलावों से रोक सकते हैं। संस्था द्वारा “प्लास्टिक मुक्त जीवन” का संदेश देते हुए बच्चों को पर्यावरण के अनुकूल विकल्प अपनाने के लिए प्रेरित किया गया।

एक सुंदर दृश्य तब देखने को मिला जब नन्हें हाथों ने पौधे लगाए, मिट्टी को छुआ और हरियाली के साथ अपना नाता जोड़ा। यह सिर्फ वृक्षारोपण नहीं था, यह एक जीवनशैली को अपनाने का वादा था — स्वच्छ, हरा-भरा और टिकाऊ भविष्य का सपना।

कार्यक्रम में कुल 50 पौधे रोपे गए और वितरित भी किए गए, जिन्हें कुछ स्थानीय नागरिकों ने भी अपनाने का संकल्प लिया। इस अभियान ने स्कूल की चारदीवारी से निकलकर गाँव में जागरूकता की नई लहर फैलाई।

संस्था की ओर से मेधावी छात्राओं को स्टेशनरी और स्टील लंच बॉक्स भेंटकर सम्मानित किया गया, जिससे बच्चों में खुशी और गर्व का माहौल रहा। साथ ही छात्रों और शिक्षकों को मिष्ठान्न भी वितरित किया गया।

कार्यक्रम में शिक्षाविद् किरण कोचर ने भी बच्चों से संवाद किया और उन्हें अपने अनुभवों से प्रेरित किया।

इस अवसर पर संस्था के पदाधिकारियों में
डॉ. कंचन मिश्रा (सचिव), डॉ. रश्मि भार्गव (उपाध्यक्ष), शैलेन्द्र सिंह, डॉ. अर्चना मिश्रा, डॉ. आशा जायसवाल, प्रीति गुप्ता, अधिवक्ता आशीष मिश्र, शिक्षक सुरेश तिवारी और अधिवक्ता अंकित पाठक उपस्थित रहे।

विद्यालय की ओर से रेणु शुक्ला, रेखा श्रीवास्तव, कल्पना तिवारी, सरोज वर्मा, प्रीति शुक्ला, मीना सिंह और अर्चना ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई।

यह कार्यक्रम सिर्फ एक आयोजन नहीं था, यह एक संदेश था — आज एक पौधा, कल एक जीवन।

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