परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर लगाए गंभीर आरोप
जौनपुर। निजी अस्पतालों की लापरवाही ने एक बार फिर इंसानी जान ले ली। नगर कोतवाली क्षेत्र के नईगंज स्थित ट्यूलिप हॉस्पिटल में सोमवार सुबह एक महिला तीमारदार की करेंट लगने से मौत हो गई। हैरानी की बात यह रही कि परिजनों के आरोप के मुताबिक, हादसे के बाद अस्पताल के डॉक्टरों और स्टाफ ने महिला को छूने तक से परहेज़ किया और प्राथमिक उपचार देने से भी इंकार कर दिया।
जानकारी के मुताबिक, सरपतहा थाना क्षेत्र के सुइथा गांव निवासी लालती देवी इलाज के लिए ट्यूलिप हॉस्पिटल में भर्ती थीं। उनकी देखभाल के लिए बेटा प्रदीप गौड़ और बहू गुड़िया सहित परिजन मौजूद थे। सुबह करीब साढ़े दस बजे गुड़िया पानी भरने के लिए अस्पताल परिसर में लगे वाटर कूलर के पास गईं। कूलर को दो बड़े जनरेटर सेट के बीच बेहद तंग जगह पर लगाया गया था। इसी दौरान अचानक करंट दौड़ गया और गुड़िया उसकी चपेट में आ गईं।
परिजनों का कहना है कि घटना के तुरंत बाद गुड़िया तड़पती रही लेकिन अस्पताल स्टाफ ने छूने तक की हिम्मत नहीं की। डॉक्टरों ने भी इलाज से इनकार कर दिया। बाद में सूचना पाकर पहुंची पुलिस ने महिला को जिला अस्पताल भेजवाया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।
मौत की खबर फैलते ही परिजनों और स्थानीय लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। आक्रोशित भीड़ ने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया और प्रशासन पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया। उनका कहना था कि अस्पताल प्रशासन ने जनरेटर और वाटर कूलर को सकरी जगह में लगाकर गंभीर लापरवाही बरती, जिसकी कीमत एक महिला की जान से चुकानी पड़ी।
यह हादसा न केवल अस्पताल प्रबंधन की घोर लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि स्वास्थ्य विभाग की ढीली निगरानी और सिस्टम की नाकामी पर भी सवाल खड़े करता है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी है, जबकि परिजन दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।