पूर्वांचल लाइफ/अश्वनी तिवारी
“सिराज-ए-दिल जौनपुर” पुस्तक के रचनाकार डॉ० अमित श्रीवास्तव “पुलिस अधीक्षक” (देहरादून, उत्तराखंड) के पिता स्मृतिशेष- अधिवक्ता कन्हैया लाल श्रीवास्तव 87 वर्षीय का निधन विगत शनिवार को हो गया। यह दुःखद खबर प्राप्त होने पर शोक व्यक्त करने प्रबंधक पं० रामकृष्ण त्रिपाठी, पत्रकार पं० रामदयाल द्विवेदी, उद्यमी श्याम कुमार यादव, अश्वनी तिवारी आदि लोगों ने पहुंचकर विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित किए।
ज्ञात हो गद्य एवं पद दोनों ही विधाओं में समान दखल रखने वाले डॉ.अमित की अब तक प्रकाशित किताबें हैं-
बाहर मैं, मैं अंदर “कविता संग्रह”, पहला दख़ल “संस्मरण”, गहन है यह अंधकारा “उपन्यास”, कोतवाल का हुक्का (कहानी संग्रह), भूमण्डलीकरण और समकालीन हिंदी कविता (विचार) और कोविड ब्लूज़ “डायरी”।
समसामयिक राजनीति, अर्थव्यवस्था, समाज, खेल, संगीत, इतिहास जैसे विषयों पर अनेक लेख विभिन्न पत्र पत्रिकाओं/आनलाइन पोर्टल पर प्रकाशित हैं। भाषा की रवानगी, चुटीलेपन एवं साफगोई के लिए जाने जाते हैं डॉ० अमित श्रीवास्तव!