भगवान चित्रगुप्त सर्वसमाज के देवता, न्याय के प्रतीक-सम्मेलन में जुटे हज़ारों श्रद्धालु

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सर्वसमाज का संगम: जौनपुर से उठी भगवान चित्रगुप्त न्याय यात्रा की गूंज

जौनपुर।
श्री चित्रगुप्त भगवान पूजन महासमिति जौनपुर द्वारा आयोजित सर्वसमाज सम्मेलन में बड़ी संख्या में कायस्थ, वैश्य और विभिन्न समाजों के लोग शामिल हुए। सम्मेलन में वक्ताओं ने भगवान चित्रगुप्त जी को न्याय और सत्य के प्रतीक बताते हुए कहा कि वे किसी एक जाति या समाज के नहीं, बल्कि समस्त मानवता के देवता हैं।

मुख्य अतिथि पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं प्रयागराज पश्चिम से विधायक सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि “भगवान चित्रगुप्त जी सबके हैं, उनका पूजन करने का अधिकार सबको है। वे लेखा-जोखा रखने वाले न्यायदेवता हैं, इसलिए देश की हर अदालत में उनकी मूर्ति लगाई जानी चाहिए और अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही क्वीन की मूर्तियां हटाई जानी चाहिए।”

विशिष्ट अतिथि वाराणसी कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव ने दूरभाष पर संदेश भेजते हुए कहा कि वे इस सम्मेलन में व्यक्तिगत रूप से शामिल नहीं हो पाने पर खेद जताते हैं और आयोजन की सराहना करते हैं।

समाजों का मिलन और शोभायात्रा की तैयारी:

महासमिति अध्यक्ष “मनोज अग्रहरी” ने कहा कि “वैश्य समाज भी दीपावली पर कलम-दवात की पूजा करता है और भगवान चित्रगुप्त पूजन के दिन से उसका पुनः प्रयोग करता है। इस बार शोभायात्रा में वैश्य समाज हज़ारों की संख्या में शामिल होगा।” उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि वे धार्मिक संगठन के अध्यक्ष हैं, न कि किसी जाति विशेष के। कुछ लोग अफ़वाह फैला रहे हैं कि मैं कायस्थ समाज का अध्यक्ष हुआ हूं जो गलत है, मैं तो धार्मिक संगठन श्री चित्रगुप्त भगवान पूजन महासमिति का अध्यक्ष हुआ हूं और निष्ठापूर्वक कार्य करुंगा।

महासमिति संयोजक वरिष्ठ अधिवक्ता सरस चंद श्रीवास्तव ने जानकारी दी कि 23 अक्तूबर को दोपहर 3 बजे भगवान चित्रगुप्त मंदिर बारीनाथ से भव्य शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो रूहट्टा मंदिर तक जाएगी। इसमें सर्व समाज के हजारों श्रद्धालुओं की भागीदारी होगी।

डीएनए वैज्ञानिक डॉ. संजय श्रीवास्तव ने कहा कि “भगवान विष्णु ने चित्रगुप्त जी को वरदान दिया था कि उनकी पूजा करने वालों को बुद्धि, धन और मोक्ष की प्राप्ति होगी।”

सर्व समाज का व्यापक समर्थन:

सम्मेलन में व्यापारी नेता रवीन्द्र अग्रहरी सहित अनेक संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि भगवान किसी एक जाति तक सीमित नहीं हैं, वे सबके होते हैं।

सम्मेलन में कायस्थ, वैश्य, ब्राह्मण, मौर्य, यादव, अग्रहरि सहित अनेक समाजों के नेता और सामाजिक संगठन शामिल हुए। सबने मिलकर शोभायात्रा को सफल बनाने का संकल्प लिया।

सभा को संबोधित करने वालों में विनोद अग्रहरी, डॉ. विवेक श्रीवास्तव, चंद्रमोहन श्रीवास्तव, भाजपा नेता पंकज जायसवाल, अतुल दुबे, डॉ. रामसूरत मौर्य, कृष्ण कुमार जायसवाल, धर्मेंद्र यादव, दिनेश चंद्र श्रीवास्तव सहित कई गणमान्य मौजूद रहे।

कार्यक्रम का संचालन एवं आभार:

सम्मेलन का संचालन संस्थापक अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव बच्चा भइया (एडवोकेट) ने किया।
अंत में आभार व्यक्त पूर्व प्रशासनिक अधिकारी राकेश श्रीवास्तव ने किया।

यह आयोजन इस संदेश के साथ संपन्न हुआ कि भगवान चित्रगुप्त न्याय, सत्य और सद्भाव के प्रतीक हैं और उनका पूजन जाति-धर्म से ऊपर उठकर सभी समाजों को एक सूत्र में पिरोने का माध्यम बनेगा।

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