चंदवक, जौनपुर।
चंदवक बाजार के शिव मंदिर के पास स्थित ऐतिहासिक महात्मा गांधी पार्क सोमवार से किसान आंदोलन का गवाह बनेगा। पूर्वांचल किसान संगठन के नेता अजीत सिंह डोभी ने पुलिस की कथित तानाशाही रवैये और फर्जी मुकदमे के विरोध में पांच सूत्रीय मांगों के साथ अनिश्चितकालीन धरने पर बैठने का ऐलान किया है। धरने की तैयारी पूरी कर ली गई है।
मामला 27 अगस्त की रात का है, जब आजमगढ़–वाराणसी राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित कनौरा गांव के पास सड़क हादसे में नंदलाल की मौत हो गई और दो लोग घायल हो गए। हादसे के बाद ग्रामीण और मृतक के परिजन शव के साथ राजमार्ग पर धरने पर बैठ गए, जिससे जाम की स्थिति बन गई। आरोप है कि भीड़ को शांत कराने बुलाए गए किसान नेता अजीत सिंह ने प्रशासन की मदद कर आवागमन सुचारु कराया, लेकिन उसी के बाद पुलिस ने उल्टा अजीत सिंह समेत 14 नामजद व 40 अन्य पर मुकदमा दर्ज कर दिया।
इसी कार्रवाई से आक्रोशित होकर अजीत सिंह ने महात्मा गांधी पार्क में धरना शुरू करने का निर्णय लिया।
किसान नेता का बयान
अजीत सिंह ने कहा, “सड़क हादसों से लगातार निर्दोष लोग मर रहे हैं, लेकिन ठोस समाधान नहीं किया जा रहा। उल्टा हमारी आवाज दबाने के लिए हमें फर्जी मुकदमे में फंसाया जा रहा है। जब तक मुकदमा वापस नहीं होगा और सड़क सुरक्षा की गारंटी नहीं दी जाएगी, हमारा धरना जारी रहेगा।”
धरने की अनुमति के लिए सौंपा गया पत्रक
धरने की पूर्व सूचना देते हुए बीते गुरुवार को अजीत सिंह अपने समर्थकों संग एसडीएम और तहसीलदार को पत्रक सौंप चुके हैं। इसमें महात्मा गांधी पार्क में अनिश्चितकालीन धरने की अनुमति मांगी गई थी।
किसान नेता की पांच प्रमुख मांगे
1.जब तक हाईवे 233 का निर्माण पूरा न हो, तब तक भारी वाहनों की नो-एंट्री लागू हो।
2.तहसील केराकत क्षेत्र में सड़क किनारे 10 फीट गहरी खाइयों पर सुरक्षा रेलिंग लगाई जाए।
3.अधूरे 16 किलोमीटर मार्ग पर सड़क किनारे स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था की जाए।
4.सड़क हादसों में मृतक परिवार को 1 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जाए।
5.कनौरा गांव में हुए जाम प्रकरण को लेकर दर्ज फर्जी मुकदमे को खारिज किया जाए।
यह आंदोलन न सिर्फ पुलिस कार्रवाई के विरोध का स्वर बनेगा, बल्कि अधूरे राष्ट्रीय राजमार्ग और सड़क सुरक्षा की खामियों पर भी बड़ा सवाल खड़ा करेगा।