गुरु ही गढ़ते हैं इंसान का चरित्र : डॉ. राज यादव

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जौनपुर। रमानाथ महाविद्यालय ईशापुर के प्राध्यापक डॉ. राज यादव ने शिक्षक दिवस पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि “गुरु का दर्जा सबसे महान है, क्योंकि वही इंसान को सही मायने में इंसान बनाते हैं।”

उन्होंने कहा कि हर वर्ष 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के उपलक्ष्य में शिक्षक दिवस मनाया जाता है। यह दिन केवल छात्रों के लिए ही नहीं, बल्कि शिक्षकों के लिए भी विशेष महत्व रखता है। शिक्षक हमें शिक्षा देने के साथ-साथ जीवन के मूल्यों, संस्कारों और आदर्शों की सीख भी देते हैं।

डॉ. यादव ने कहा कि शिक्षक किसी मार्गदर्शक प्रकाश की तरह होते हैं, जो अंधकार से निकालकर सही दिशा में आगे बढ़ना सिखाते हैं। वे हमें केवल किताबों का ज्ञान नहीं देते, बल्कि जीवन जीने का सलीका और संघर्ष करने का साहस भी सिखाते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि समाज की प्रगति और भविष्य की नींव शिक्षकों पर ही टिकी होती है। यदि शिक्षक न हों, तो समाज और राष्ट्र दोनों ही अंधकारमय हो जाएंगे। यही कारण है कि शिक्षक हमारे लिए किसी भगवान से कम नहीं हैं।

अंत में उन्होंने सभी को शिक्षक दिवस की शुभकामनाएं देते हुए अपील की कि हर विद्यार्थी को अपने गुरुजनों के प्रति आभार और सम्मान प्रकट करना चाहिए, क्योंकि वही हमारे भविष्य का निर्माण करते हैं।

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