करंट और नाले के बहाव ने छीनी तीन जानें, प्रशासन की 27 घंटे की मशक्कत रंग लाई
जौनपुर। नगर स्थित मछलीशहर पड़ाव पर 25 अगस्त 2025 को सोमवार शाम हुए दर्दनाक हादसे ने पूरे शहर को झकझोर दिया। तेज बारिश के बीच करंट की चपेट में आने से नाले में बही युवती प्राची मिश्रा (20) और उसे बचाने दौड़े समीर (17) का शव आखिरकार करीब 27 घंटे चले रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद बरामद किया गया।
सोमवार शाम करीब 5 बजे हादसा हुआ था। बताया जा रहा है कि प्राची अचानक नाले किनारे बिजली के खंभे से फैले करंट की चपेट में आकर अचेत हो गई और तेज बहाव में बह गई। यह देख उसे बचाने के लिए समीर ने कोशिश की, लेकिन वह भी करंट लगने से बेहोश होकर नाले में गिर गया।
उसी दौरान ई-रिक्शा चालक शिवा गौतम (26), निवासी कुल्हनामऊ, बक्शा, भी मदद के लिए दौड़ा, लेकिन करंट की चपेट में आने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस ने उसी दिन शिवा के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था।
इसके बाद से ही प्रशासन, नगर पालिका, पुलिस बल, पीएसी फ्लड फोर्स और एसडीआरएफ की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुट गईं। जेसीबी से नाले के ढक्कन तक खोले गए। करीब 27 घंटे की लगातार मशक्कत के बाद मंगलवार शाम लगभग 7:30 बजे दोनों शव घटना स्थल से कुछ दूरी पर नाले से बरामद किए गए।
सिटी मजिस्ट्रेट इंद्र नंदन सिंह ने बताया कि “घटना के तुरंत बाद से ही टीमें लगी रहीं। सोमवार रात से लेकर मंगलवार शाम तक लगातार सर्च ऑपरेशन चला। अब दोनों शवों को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा गया है।”
उन्होंने आगे बताया कि जिलाधिकारी ने घटना की गंभीरता को देखते हुए पहले ही तीन सदस्यीय जांच टीम गठित की थी, जिसकी रिपोर्ट आ चुकी है। दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
एसपी सिटी आयुष श्रीवास्तव ने भी पुष्टि की कि लगभग 24 घंटे से अधिक चला ऑपरेशन चार टीमों की मदद से सफल रहा। दोनों शवों की पहचान परिवारजनों ने कर ली है और पंचनामा की कार्रवाई पूरी की जा रही है।
पूरे इलाके में शोक का माहौल:
इस भीषण हादसे ने शहरवासियों को गहरे शोक में डाल दिया है। हर कोई सवाल उठा रहा है कि बरसात में खुले तार और असुरक्षित नाले कब तक मासूम जिंदगियों को निगलते रहेंगे।