बैठक भी बनी औपचारिकता
संवाददाता निशांत सिंह
जौनपुर, बरसठी। विकास खंड के आदमपुर गांव में सोशल ऑडिट के नाम पर सिर्फ औपचारिकता निभाई गई। तीन दिन चले ऑडिट में न तो ड्राफ्ट प्रतिवेदन भरा गया और न ही ग्रामसभा की खुली बैठक हुई।
सोशल ऑडिट टीम की सदस्य बीआरपी आशा यादव ने मौके पर मुख्यमंत्री एवं प्रधानमंत्री आवास योजना का निरीक्षण किया, जिसमें 33 के 33 आवास अधूरे मिले। इसके बावजूद ग्रामीणों को जानकारी देने की बजाय ऑडिट रिपोर्ट शासन तक सीमित कर दी गई।
गांव के लोगों का कहना है कि आडिट की मुनादी तक नहीं कराई गई, जिससे कोई ग्रामीण बैठक में शामिल नहीं हो सका और मनरेगा समेत अन्य योजनाओं का स्थलीय सत्यापन अधूरा रह गया।
जिला समन्वयक राजेश पाल ने स्वीकार किया कि भौतिक सत्यापन की जिम्मेदारी बीआरपी टीम की होती है। उन्होंने कहा कि आडिट बैठक मामले की जांच कराई जाएगी।
ग्रामीणों में आक्रोश है कि विकास योजनाओं की सच्चाई सामने लाने के बजाय विभाग औपचारिकता निभाकर खानापूर्ति कर रहा है।