संवाददाता निशांत सिंह
जौनपुर बरसठी।
कठिन घड़ी में जब मृतका के परिवार का कोई सहारा नहीं बना, तब ग्राम प्रधान अर्जुन यादव ने मानवता की मिसाल पेश की। बारिगांव की 55 वर्षीय गीता देवी पत्नी समारु बनवासी की मृत्यु के बाद जहां लोग मृत शरीर को हाथ तक लगाने से कतराते रहे, वहीं ग्राम प्रधान ने न सिर्फ मृतका के बेटे को बुलवाया बल्कि पूरे खर्च का वहन करते हुए अंतिम संस्कार भी कराया।
जानकारी के अनुसार, गीता देवी गंभीर बीमारी से ग्रसित थीं। बीते दिन वह पैदल अपने रिश्तेदार के घर भीदूना (मीरगंज) जा रही थीं कि रास्ते में घाटमपुर गांव के समीप धान के खेत में गिरने से उनकी मौत हो गई। पास के ही एक किसान ने घटना देख पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने शव कब्जे में लेकर शिनाख्त की, जिसमें मृतका बारिगांव निवासी बताई गई।
ग्रामीणों के अनुसार महिला लंबे समय से मिर्गी की बीमारी से जूझ रही थीं और झटका आने पर धान के खेत में गिरने से उनकी मौत हुई। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। मगर आर्थिक तंगी के चलते मृतका का बेटा अंतिम संस्कार कराने में असमर्थ था।
ऐसे में ग्राम प्रधान अर्जुन यादव आगे आए और मानव धर्म निभाते हुए पूरे विधि-विधान से रामघाट (जौनपुर) पर महिला का दाह संस्कार कराया। उनकी इस दरियादिली को देखकर ग्रामीणों ने कहा – “सच्चे मायने में हमने एक नेक और सहृदय जनप्रतिनिधि चुना है।”