मंगई नदी उफान पर, करईल के किसानों की बढ़ी चिंता

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संवाददाता – त्रिलोकी नाथ राय

गाजीपुर भांवरकोल। गंगा नदी के लगातार बढ़ते जलस्तर से अब मंगई नदी में भी उफान देखा जा रहा है, जिससे करईल क्षेत्र के निचले गांवों में बाढ़ का खतरा गहराने लगा है। महेंद, गोड़उर, नसीराबाद, सरदरपुर, फतुलहां, सियाड़ी और सोनवानी समेत कई गांवों में बाढ़ का पानी धीरे-धीरे प्रवेश करने लगा है।

स्थानीय किसानों की मानें तो यदि जलस्तर इसी तरह दो-तीन दिन और बढ़ता रहा, तो हाल ही में रोपी गई धान की फसल पूरी तरह बर्बाद हो जाएगी। कुछ इलाकों में अभी भी रोपाई का कार्य चल रहा है, जिसे बीच में ही रोकना पड़ सकता है।

विशेषज्ञों और ग्रामीणों के अनुसार, गंगा नदी का बढ़ा हुआ पानी बलिया जिले के नरहीं क्षेत्र से मंगई नदी में प्रवेश करता है। मंगई नदी फिर करईल क्षेत्र के कई गांवों को जलभराव और बाढ़ की स्थिति में ला देती है। समस्या तब और गंभीर हो जाती है जब गंगा का जलस्तर घटना शुरू होता है – ऐसे में भी मंगई नदी में जल प्रवाह 5 से 6 दिनों तक बना रहता है और लगभग 10 दिनों तक पानी जमा रहता है। तब तक धान की फसल और अन्य कृषि कार्यों को भारी नुकसान हो चुका होता है।

किसानों का कहना है कि जब तक गंगा का स्तर 10 से 15 मीटर तक नहीं घटता, तब तक मंगई का पानी नहीं उतरता। इस दौरान खेतों में पानी भरा रहने से फसलें सड़ जाती हैं।

गंगा के बढ़ाव से मंगई नदी के उफान की खबर ने पूरे करईल क्षेत्र के किसानों में दहशत फैला दी है। ग्रामीण प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि समय रहते राहत और बचाव की तैयारी की जाए, जिससे नुकसान को कम किया जा सके।

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