जौनपुर।
बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) की कार्यकारी परिषद (ईसी) में भाजपा से जुड़े नेताओं की नियुक्ति को लेकर छात्रों में नाराजगी गहराती जा रही है। इसी कड़ी में मंगलवार को एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने इस फैसले के विरोध में जिलाधिकारी के माध्यम से राष्ट्रपति को तीन सूत्रीय ज्ञापन सौंपा।
एनएसयूआई ने मांग की है कि विश्वविद्यालय जैसे शैक्षणिक संस्थानों में किसी भी राजनीतिक व्यक्ति को ईसी सदस्य न बनाया जाए, ताकि शिक्षा का माहौल राजनीति से प्रभावित न हो।
दरअसल, बीएचयू की कार्यकारी परिषद में हाल ही में भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. महेंद्र नाथ पांडेय, वाराणसी के महापौर अशोक कुमार तिवारी और भाजपा काशी क्षेत्र के क्षेत्रीय अध्यक्ष व शिक्षाविद दिलीप पटेल को शामिल किया गया है। इन नियुक्तियों को लेकर छात्रों ने विश्वविद्यालय प्रशासन पर निष्पक्षता से समझौता करने का आरोप लगाया है।
एनएसयूआई शहर अध्यक्ष अमन सिन्हा ने कहा, “विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा की गई इन नियुक्तियों में मानकों की अनदेखी की गई है, जिससे बीएचयू की गरिमा, शैक्षिक गुणवत्ता और प्रशासनिक स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।”
विरोध प्रदर्शन के दौरान एनएसयूआई के उपाध्यक्ष रोहित पांडेय, कार्तिकेय चतुर्वेदी, महासचिव प्रिंस पांडेय, विशाल बिंद, कृष्णा पांडेय, आदर्श गुप्ता, आकाश बिंद, जट्टू मौर्या और विशाल मौर्या सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे।
एनएसयूआई ने स्पष्ट किया है कि यदि विश्वविद्यालय प्रशासन जल्द से जल्द इस मुद्दे पर संज्ञान नहीं लेता तो आगे आंदोलन तेज किया जाएगा।