फेरीवालों के हक की मांग: महाराष्ट्र में वेंडर एक्ट 2014 को सख्ती से लागू करने की पहल

Share

मुंबई: महाराष्ट्र जनता हॉकर यूनियन (MJHU) ने केंद्र सरकार द्वारा पारित वेंडर एक्ट 2014 को राज्य में प्रभावी ढंग से लागू कराने की मांग की है। इस सिलसिले में यूनियन के प्रतिनिधिमंडल ने शहरी विकास राज्य मंत्री श्रीमती माधुरी मिसाल से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। यूनियन के संस्थापक अध्यक्ष सुरेंद्रकुमार बाजपेई ने बताया कि उन्होंने फेरीवालों के अधिकारों को लेकर प्रमुख मुद्दों को सरकार के समक्ष रखा।

यूनियन की मांगें और सवाल

ज्ञापन में महाराष्ट्र सरकार से वेंडर एक्ट, 2014 की धारा 3(2) का पूरी सख्ती से पालन कराने की मांग की गई, जिसमें यह प्रावधान है कि नगर विक्रय समितियों को सभी फेरीवालों का सर्वेक्षण कर उन्हें वेंडिंग जोन में समायोजित करना चाहिए। यह संख्या संबंधित शहर की जनसंख्या के 2.5% तक सीमित होनी चाहिए।

मुंबई की जनसंख्या के अनुसार यह संख्या लगभग 3.75 लाख होनी चाहिए, लेकिन 2014 में बीएमसी द्वारा किए गए सर्वेक्षण में केवल 99,435 आवेदन प्राप्त हुए और उनमें से सिर्फ 32,415 को पात्र माना गया। यूनियन ने सवाल उठाया कि अधिनियम के अनुसार पात्र फेरीवालों की संख्या अधिक होनी चाहिए थी, फिर भी इतने बड़े हिस्से को अपात्र क्यों घोषित किया गया।

मंत्री का आश्वासन

श्रीमती माधुरी मिसाल ने यूनियन की मांगों को गंभीरता से सुनते हुए आश्वासन दिया कि सरकार इस विषय पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि फेरीवालों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें उचित व्यवस्था प्रदान करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

अन्य शहरों की स्थिति

मुंबई ही नहीं, ठाणे जैसे शहरों में भी स्थिति चिंताजनक है। ठाणे महानगरपालिका (टीएमसी) ने केवल 1,398 हॉकरों को पात्र माना है, जबकि जनसंख्या के अनुसार यह संख्या लगभग 3 लाख होनी चाहिए। यूनियन ने कहा कि यह असमानता फेरीवालों के लिए बड़ी समस्या बन चुकी है।

बैठक में शामिल प्रमुख सदस्य

इस बैठक में यूनियन के अन्य प्रमुख सदस्य मौजूद थे, जिनमें सलाहकार सुहास बने, उपाध्यक्ष जितेंद्र सिंह, महासचिव बी. वी. साळवी, कोषाध्यक्ष सुरेश गुप्ता और सचिव अकबर शेख, विनोद मोरे, अमित वेळूकर पाटील शामिल रहे। सभी ने फेरीवालों के अधिकार सुनिश्चित करने के लिए एकजुट होकर काम करने का संकल्प लिया।

यूनियन ने कहा कि यदि वेंडर एक्ट, 2014 को सख्ती से लागू किया गया तो यह फेरीवालों के लिए सम्मानजनक आजीविका का रास्ता खोलेगा और शहरी व्यवस्था को भी बेहतर बनाएगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

error: Content is protected !!