जौनपुर। जलालपुर थाना क्षेत्र के नहोरा गांव में शनिवार की रात दहशत और दबंगई का ऐसा नज़ारा देखने को मिला जिसने कानून-व्यवस्था पर गहरे सवाल खड़े कर दिए हैं। शादी समारोह में पहुंचे एक बदमाश ने, जो महज 15 दिन पहले हत्या के मामले में जेल से बाहर आया था, खुलेआम पिस्टल अपने पतलून में खोंसकर अपनी धाक जमाई।
डर और दहशत का माहौल:
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, इस दबंग ने पहले ग्रामीणों को पिस्टल दिखाकर खामोश कर दिया। इसके बाद वह मंच पर पहुंचा और महिला आर्केस्ट्रा डांसर्स को धमकाते हुए अपने पसंदीदा गानों पर नाचने के लिए मजबूर किया। पूरा गांव खौफ के साये में चुपचाप यह नजारा देखता रहा। किसी ने विरोध करने की हिम्मत नहीं जुटाई, और शो पूरी रात चलता रहा।
सोती रही पुलिस, दहशत मचाता रहा बदमाश:
इस खतरनाक घटना के दौरान पुलिस का कहीं अता-पता नहीं था। इलाके में कानून-व्यवस्था के तमाम दावे इस घटना के बाद सवालों के घेरे में आ गए हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो ने पुलिस की कार्यप्रणाली की पोल खोलकर रख दी है। वीडियो में आरोपी खुलेआम पिस्टल और दबंगई दिखाते साफ नजर आ रहा है।
सूचना तंत्र की नाकामी:
सूत्रों के मुताबिक, आरोपी हाल ही में हत्या के एक गंभीर मामले में जेल से रिहा हुआ था। इसके बावजूद पुलिस का सूचना तंत्र इस दबंग की हरकतों को रोकने में पूरी तरह नाकाम साबित हुआ। सवाल यह है कि जब अपराधी इस तरह से खुलेआम शादी समारोह में आतंक मचा सकता है, तो आम जनता की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित होगी?
पुलिस की प्रतिक्रिया:
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस अब हरकत में आई है। हालांकि, सवाल उठता है कि ऐसी कार्रवाई का क्या फायदा जब घटना के वक्त अपराधी पूरी रात बेखौफ दादागिरी करता रहा और पुलिस को इसकी भनक तक नहीं लगी।
क्या कार्रवाई होगी, या फिर “जांच जारी है” का मामला बनेगा?
यह घटना न केवल कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है, बल्कि पुलिस की विश्वसनीयता पर भी गहरा असर डालती है। आम जनता अब यही जानना चाहती है कि क्या इस दबंग पर सख्त कार्रवाई होगी, या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह “जांच जारी है” की फाइल में दबकर रह जाएगा।
जनता की सुरक्षा पर सवाल:
जब अपराधी खुलेआम पिस्टल लहराकर शादी समारोह में दहशत फैला सकते हैं, तो आम नागरिक अपने जीवन और सुरक्षा के लिए किस पर भरोसा करें? यह घटना केवल एक गांव की कहानी नहीं है, बल्कि यह पूरे पुलिस प्रशासन की साख पर एक बड़ा सवालिया निशान है।
अब पुलिस के पास सिर्फ एक मौका है – अपने दावों को सच साबित करने का।