राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद ने किया विरोध प्रदर्शन का ऐलान,
मुख्यमंत्री को संबोधित मांग पत्र सौंपने की तैयारी
जौनपुर। पत्रकारों के खिलाफ हो रहे उत्पीड़न के मामलों को लेकर राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद (पंजीकृत) ने कड़ा रुख अपनाया है। परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष देवेंद्र कुमार मिश्रा के निर्देशानुसार, 10 जून 2025 को पूरे प्रदेश में जिलाधिकारियों के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपे जाएंगे।
बांदा में पत्रकार पर झूठा मुकदमा: विरोध की बड़ी वजह
2 जून 2025 को बांदा जनपद में परिषद के युवा प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष श्री नीरज निगम को रात्रि में पुलिस द्वारा बिना किसी ठोस कारण के बुलाकर झूठे मुकदमे में फंसा दिया गया। इस घटना को पत्रकारों की स्वतंत्रता और लोकतांत्रिक अभिव्यक्ति पर हमला करार देते हुए परिषद ने विरोध प्रदर्शन की रणनीति बनाई है।
परिषद ने इसे लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर हमला बताते हुए कहा है कि पुलिस की यह कार्रवाई स्वतंत्र पत्रकारिता को बाधित करने का प्रयास है। संगठन ने स्पष्ट किया कि अगर उत्पीड़न के मामलों में शीघ्र और निष्पक्ष कार्रवाई नहीं होती, तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
जौनपुर में नेतृत्व करेंगे तामीर हसन शीबू
जौनपुर जनपद में इस ज्ञापन अभियान का नेतृत्व जिलाध्यक्ष श्री तामीर हसन “शीबू” करेंगे। 10 जून को प्रातः 10 बजे आयोजित इस कार्यक्रम में जिलाधिकारी को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा जाएगा। परिषद के पदाधिकारियों ने सभी तहसील अध्यक्षों और पत्रकार साथियों से अपील की है कि वे बड़ी संख्या में उपस्थित होकर कार्यक्रम को सफल बनाएं।
संगठन की मांगें और भविष्य की रणनीति
राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद ने पत्रकार सुरक्षा कानून लागू करने और पत्रकारों के खिलाफ फर्जी मुकदमों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। परिषद का कहना है कि पत्रकारों को उत्पीड़न से बचाने के लिए विशेष कानून और ठोस कदम उठाए जाने चाहिए।
परिषद ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार और प्रशासन ने पत्रकार उत्पीड़न के मामलों में न्यायोचित कार्रवाई सुनिश्चित नहीं की, तो यह आंदोलन प्रदेशव्यापी स्तर पर बड़े रूप में किया जाएगा।
पत्रकारों से जुड़ने की अपील
परिषद ने कहा है कि यह समय है जब सभी पत्रकार एकजुट होकर अपने अधिकारों की रक्षा के लिए खड़े हों। परिषद के सदस्य और पदाधिकारी इस अभियान को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
यह अभियान न केवल पत्रकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया कदम है, बल्कि पत्रकारिता की गरिमा और स्वतंत्रता को बनाए रखने का भी एक प्रयास है। राष्ट्रीय पत्रकार सुरक्षा परिषद का यह आंदोलन लोकतंत्र की नींव को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।