जौनपुर जिले की मड़ियाहूं तहसील स्थित सलारपुर जयरामपुर गांव में मंगलवार रात को एक अद्भुत घटना घटी, जिसने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी। अनुसूचित बस्ती में अचानक एक बारहसिंघा हिरण के दिखने से लोग भयभीत हो गए। यह दुर्लभ प्रजाति का हिरण, जिसे आमतौर पर जंगलों में देखा जाता है, संभवतः भटक कर बस्ती तक आ पहुंचा था।
हिरण को देख घबराए ग्रामीण
अनजाने में हिरण को खतरनाक जानवर समझकर कई लोग अपने घरों में छिप गए। वहीं, बस्ती में मौजूद आधा दर्जन कुत्तों ने हिरण पर हमला कर उसे घायल कर दिया। इस पर हिरण ने अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर उछल-कूद मचानी शुरू कर दी। जब ग्रामीणों को समझ में आया कि यह कोई खतरनाक जानवर नहीं, बल्कि बारहसिंघा हिरण है, तो उन्होंने तुरंत कुत्तों को खदेड़ा और हिरण को पकड़ लिया।
ग्रामीणों की सतर्कता और वन विभाग को सूचना
घटना की जानकारी मिलते ही ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों को सूचित किया। रातभर हिरण को ग्रामीणों ने सुरक्षित रखा और उसकी देखभाल की। बुधवार सुबह वन विभाग के प्रतिनिधि वीरेंद्र कुमार मौके पर पहुंचे। उन्होंने स्थानीय डॉक्टर से हिरण का प्राथमिक उपचार करवाया और उसे वन क्षेत्र में वापस ले जाने की तैयारी की।
टोटो गाड़ी में तकनीकी खराबी से बढ़ी समस्या
हिरण को टोटो गाड़ी में मड़ियाहूं जलालपुर रेलवे क्रॉसिंग ले जाया जा रहा था, लेकिन बीच रास्ते में गाड़ी में तकनीकी खराबी आ गई। इसी दौरान मीडिया कर्मियों को घटना की जानकारी मिली। रेलवे क्रॉसिंग पर पहुंचकर उन्होंने हिरण को गाड़ी में ढके हुए देखा। गाड़ी के पर्दे हटाकर हिरण का वीडियो बनाते हुए मीडिया कर्मियों ने हिरण को ले जाने वाले व्यक्ति से सवाल-जवाब किया।
ग्राम प्रधान और ग्रामीणों की पुष्टि
ग्राम प्रधान ने हिरण मिलने और वन विभाग को सौंपे जाने की पुष्टि की। उन्होंने बताया कि हिरण को कुत्तों के हमले से बचाने के लिए पूरी बस्ती ने सहयोग किया। यह भी स्पष्ट किया गया कि हिरण को वन विभाग के सुपुर्द कर दिया गया है, ताकि उसे सुरक्षित उसके प्राकृतिक आवास में लौटाया जा सके।
वन्यजीव संरक्षण की ओर ध्यान आकर्षित
इस घटना ने वन्यजीवों की सुरक्षा और संरक्षण की आवश्यकता पर एक बार फिर ध्यान आकर्षित किया है। बारहसिंघा जैसे दुर्लभ जीवों का मानव बस्तियों में आना उनके प्राकृतिक आवासों के कम होने और वन्यजीवों के पर्यावरण पर पड़ रहे दबाव को दर्शाता है। वन विभाग और प्रशासन को इस दिशा में गंभीरता से कदम उठाने की आवश्यकता है।
नतीजा
ग्रामीणों की सतर्कता और वन विभाग के समय पर हस्तक्षेप से बारहसिंघा हिरण की जान बचाई जा सकी। यह घटना मानव और प्रकृति के बीच सामंजस्य स्थापित करने की दिशा में एक प्रेरणादायक उदाहरण है।