लाखों की लागत से बना बाजार खंडहर में तब्दील

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15 साल से बंद पड़ा है सरस मार्केट:

स्थानीय लोगों की मांग: दुकानों का आवंटन किया जाए, स्थानीय उत्पादकों को बढ़ावा देने के लिए इस मार्केट का इस्तेमाल किया जाए

मार्केट बनने के बाद न तो दुकानों का आवंटन और न ही इसे चालू करने की कोई योजना बनी

धनंजय राय ब्यूरो/पूर्वांचल लाईफ

भदोही। डीघ ब्लॉक स्थित नारेपार गांव में महर्षि वाल्मीकि आश्रम के पास 15 साल पहले सरस मार्केट का निर्माण हुआ था। ग्रामीण विकास एवं स्थानीय शिल्प को बढ़ावा देने के लिए लाखों रुपए खर्च कर बनाई गई इस मार्केट में आज तक एक भी दुकान नहीं खुली हुई है। मार्केट बनने के बाद ना तो दुकानों का आवंटन हुआ, और ना ही इसे चालू करने की कोई योजना बनी।

आपको बताते चलें कि इसका नतीजा यह हुआ की पूरी मार्केट जर्जर हो चुकी है। इस भवनों पर जंग लग चुका है, और टूट फूट के स्थिति में है। स्थानीय लोगों की उम्मीद थी कि यह मार्केट क्षेत्रीय उत्पादकों के विपरण का केंद्र बनेंगी। इससे महिलाओं, कारीगरों और किसानों को सीधा फायदा मिलेगा।

प्रशासन की लापरवाही से यह परियोजना खंडहर में बदल गई है। ग्रामीण और जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन से मार्केट को फिर से शुरू करने की मांग की है।

उनका कहना है कि दुकानों का आवंटन किया जाए, स्थानीय उत्पादकों को बढ़ावा देने के लिए इस मार्केट का इस्तेमाल किया जाए। इससे सरकारी धन का सही उपयोग हो सकेगा।।

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